कराची से खबर है कि पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी आईसीसी की तिमाही बैठक में शामिल नहीं हुए। यह बैठक चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के बाद हुई थी।
नकवी निजी काम से पाकिस्तान में थे, इसलिए हरारे नहीं जा सके। नकवी संघीय गृह मंत्री भी हैं, जो सरकार में बड़ा पद है। एक अधिकारी ने बताया कि नकवी देश में काम के कारण नहीं गए। सीईओ सुमेर अहमद आईसीसी की बैठकों में शामिल हुए।
बैठकों के बाद पीसीबी चुप है। उन्होंने यह नहीं बताया कि आईसीसी के विरोध को आगे बढ़ाया या नहीं। आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पीसीबी के प्रतिनिधि को मंच पर नहीं रखा था। पीसीबी ने 19 मार्च को आईसीसी को पत्र लिखकर पूछा था कि उनका प्रतिनिधि मंच पर क्यों नहीं था। पाकिस्तान टूर्नामेंट का मेजबान था।
समझा जाता है कि आईसीसी कोई कारण नहीं बताएगा। ट्रॉफी समारोह में आईसीसी चेयरमैन, बोर्ड सदस्य या राष्ट्राध्यक्ष ही मंच पर हो सकते हैं। आईसीसी ने पीसीबी को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए सराहा, लेकिन विरोध पर कुछ नहीं कहा।
आईसीसी की बैठक के बाद भी स्थिति वैसी ही है। आईसीसी और पीसीबी दोनों ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है। सुमेर अहमद, जो आईसीसी बैठक में गए थे, फाइनल में दुबई में मौजूद पीसीबी के एकमात्र बड़े अधिकारी थे।
एक सूत्र ने बताया कि आईसीसी की बैठकों में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर बात हुई। पीसीबी की चुप्पी के कारण बोर्ड का रुख पता नहीं चला। आईसीसी और पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी के वित्तीय मामलों को भी तय नहीं किया है। पीसीबी का कहना है कि उसने चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी से तीन अरब रुपये कमाए हैं। यह पैसा आईसीसी द्वारा सदस्यों को दिए जाने वाले पैसे से अलग है।