कुंदन श्रीवास्तव, प्रमुख संवाददाता

महाभारत काल के पार्थ के बारे में तो आपने सुना होगा, जिन्होंने भगवान श्री कृष्ण के कहने पर गांडीव उठाया था। परंतु ये तो उन रजवाड़ों का पार्थ है जिसने अपने थिंक टैंक के कहने पर गांडीव उठाया और अपनी राजस्थान टीम के उपर आई मुसीबतों से निजात दिलाया। इस महाभारत में पार्थ का जमकर साथ दिया एक और गांडीव धारी तोशित ने।
राजधानी पटना के मोइनुल हक़ स्टेडियम का मरक़ज और कूच बिहार ट्रॉफी अंडर-19 क्रिकेट के सिलसिले में हुए इस महाभारत में मेज़बान बिहार के मद्दे मुक़ाबिल थी मेहमान राजस्थान की टीम। टॉस जीतकर बैटिंग ट्रैक पर पहले बिहार की टीम से बल्लेबाज़ी कराने का फैसला राजस्थान के लिए जी का जंजाल बन गया।
देखते ही देखते बिहार की टीम ने पहाड़ जैसा विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इस पाटा विकेट पर पहले पृथ्वी और फ़िर बाद में दिपेश ने जमकर राज किया और 467 रनों का भारी भरकम स्कोर खड़ा कर दिया। विकेट के चेहरे को देखते हुए ये ऐसा स्कोर भी नहीं था जो सामने की टीम का सेहत ख़राब कर दे। इससे पार पाने की पूरी कोशिश की रजवाड़ों की सशक्त टीम ने,पर दिन तो उस बंदे का था जिसके मैज़िकल स्पेल में राजस्थान टीम की मज़बूत बैटिंग को ही नेस्तनाबूद करके रख दिया । शोहरत और इज्ज़त तो उपरवाला देता है,एक इनिंग में सारे के सारे 10 विकेट झटक कर इस बात को साबित कर दिखाया बिहार के लेफ्ट आर्म स्पिनर सुमन कुमार ने। उसकी तबाहक़ुन बॉलिंग स्पेल की ताब न झेल सकी राजस्थान की टीम। सुमन के एक ही ओवर (36 वें) लगातार तीन गेंदों पर लिए तीन विकेट ( मोहित भगतानी , अनस और सचिन), मेहमान टीम की सशक्त बैटिंग को भी पैरालाज्ड कर डाला।
देखते ही देखते सबकुछ बिखर गया रजवाड़ों का। चमन के ख़्वाहिशमंद राजस्थान के आज को सहरा बना चुका था बिहार के इस सुमन सुधा ने। हालांकि राजस्थानी पार्थ ने अपनी टीम को मुश्किलों से बाहर निकालने की पूरजोर कोशिशें कीं, मग़र वो ऐसा करने में नाक़ाम रहा। पार्थ की हाफ सेंचुरी को खुदा हाफ़िज़ कर दिया सुमन ने। पहली इनिंग में 182 रन पर सिमट चुकी राजस्थान टीम को फॉलोऑन के लिए मज़बूर होकर फिर से बल्लेबाज़ी के लिए उतरना पड़ा।
शर्तिया हार के मुहाने पर थी, राजस्थान की टीम। बिहार की टीम और उनके थिंक टैंक ने इस जीत के ख़्वाब भी देखने शुरू कर दिए थे। मग़र राजस्थान के पार्थ ने अपने थिंक टैंक के कहने पर इस महाभारत में गांडीव संभाल लिया फिर क्या था उसने और तोशित ने मिलकर अपनी टीम को शर्तिया शिक़स्त की मुसीबतों से बाहर निकाल लिया।
मेज़बान बिहार टीम को बेशक़ इस मैच से तीन प्वाइंट्स मिले होंगे पर राजस्थानी पार्थ और तोशित के गांडीव के सामने इस बार बिल्कुल फीके नज़र आए सुमन कुमार। कल का शोहरत और इज्ज़त दिलाने वाला वही बैटिंग ट्रैक अपनी आंखें बंद किए आज पार्थ यादव की लाज़वाब बैटिंग का लुत्फ़ उठा रहा था। विकेट गिरता भी कैसे ? पार्थ का लक्ष्य था भी बड़ी पारी खेलकर अपनी टीम के हिस्से में आई शर्तिया हार टालने का।वो टाल भी चुका था अपनी टीम की हार,और सामने स्कोर बोर्ड पर चमक रहा था उसका (नाबाद 200 रन) दोहरा शतक और तोशित का शानदार( 130 रन) शतक।
अपनी अनिश्चितताओं भरी फ़ितरतों के लिए मशहूर क्रिकेट खेल के महाभारत का एक और एपिसोड ख़त्म हो गया।
