पटना। आगामी सात अप्रैल से नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होने वाली हीरी इंडियन वीमेंस लीग 2021 क्वालिफायर में पहली बार बिहार की कोई टीम हिस्सा लेगी। बिहार की ओर से शीर्ष बिहार यूनाइटेड एफसी इस टूर्नामेंट में खेलेगी। बिहार के खिलाड़ियों को एक बड़े प्लेटफॉर्म पर खेलने का मौका मिलेगा।
बिहार वीमेंस लीग में चौथे स्थान पर रही थी यह टीम
इधर इस खबर के आने के बाद बिहार फुटबॉल संघ में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। विजेता व उपिवजेता टीमों के लोगों का कहना है कि पिछले दिनों मुजफ्फरपुर में आयोजित वीमेंस प्रीमियर लीग के आयोजित करने का क्या फायदा हुआ। इस लीग में चौथे स्थान पर रहने वाली टीम नेशनल वीमेंस लीग खेलने चली गई जबकि पहले,दूसरे और तीसरे स्थान पर रही टीमें देखती रह गईं।
क्या कहा बिहार फुटबॉल संघ के सचिव ने
इस मुद्दे पर बिहार फुटबॉल संघ के सचिव सैयद इम्तियाज हुसैन ने कहा कि इस लीग में खेलने के लिए बहुत सारे नॉर्म को पूरा करना पड़ता है जो पहले और दूसरे स्थान पर रहीं टीमें पूरा नहीं कर पा रही हैं। टीम को कोच बी लाइसेंस होना चाहिए। इसके अलावा बहुत सारी चीजें रहनी चाहिए। इन सब चीजों को देखते हुए टीमों ने अपनी हामी नहीं दी इसीलिए शीर्ष बिहार यूनाइटेड एफसी को भेजा गया।
शीर्ष बिहार यूनाइटेड एफसी का यह है कहना
इधर शीर्ष बिहार यूनाइटेड एफसी की निदेशक अल्पना सिन्हा ने कहा कि हमारी टीम पहले से रजिस्टर्ड है। साथ ही हम नेशनल लीग के सारे नॉर्म को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे बिहार वीमेंस लीग में खेलने वाली टीमें हमें सपोर्ट करें। हम उनके अच्छे प्लेयरों को अपनी टीम में रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद बिहार में फुटबॉल को आगे बढ़ाना है।
बिहार वीमेंस लीग में बेहतर परफॉर्म कर भी नेशनल वीमेंस लीग में खेलने से चूक गए क्लबों के कर्ताधर्ता का कहना है कि लीग होने शुरू होने से पहले हमें कोई नियम-कानून की जानकारी नहीं दी गई। अगर हमें जानकारी दी जाती तो हम भी नेशनल वीमेंस लीग के नियमों को पूरा करने का प्रयास करते। इन सबों का कहना है कि जो चीजें को सब साफ सुथरी होने चाहिए।
गौरतलब है कि इस लीग में सीवान की टीम पहले जबकि मोतिहारी की टीम दूसरे स्थान पर रही थी। पटना की टीम तीसरे स्थान पर रही थी।