चेक गणराज्य की मार्केटा वोंड्रोसोवा विंबलडन टेनिस की नई मल्लिका बन गई है। महिला एकल के फाइनल में चेक गणराज्य की 24 वर्षीया मार्केटा वोंड्रोसोवा ने ट्यूनीशिया की ओंस जेब्यूर को हराया। इस जीत के साथ ही उन्होंने पहली बार विंबलडन ओपन अपने नाम किया। किसी भी ग्रैंड स्लैम में यह उनकी पहली खिताबी जीत है। वोंड्रोसोवा ने जेब्यूर को सीधे सेटों में 6-4, 6-4 से हराया। वोंड्रोसोवा विंबलडन जीतने वाली चेक गणराज्य की तीसरी खिलाड़ी बनीं। उनसे पहले 1998 में जाना नोवोत्ना जीती थीं। उनके बाद पेत्रा क्वितोवा ने 2011 और 2014 में खिताब पर कब्जा किया था।
वोंड्रोसोवा ने पहले सेट को 6-4 से जीतकर मैच में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। पहले सेट में ओंस जेब्यूर एक समय 3-2 से आगे चल रही थीं, लेकिन वोंड्रोसोवा ने वापसी की और सेट में 5-4 की बढ़त हासिल कर ली है। इसके बाद उन्होंने जेब्यूर को कोई मौका नहीं दिया और सेट को 6-4 से अपने नाम कर लिया। दूसरे सेट में भी जेब्यूर ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी एक बार फिर देखे को मिली। इसका फायदा वोंड्रोसोवा ने उठाया और सेट को 6-4 से जीत लिया।
वोंड्रोसोवा विंबलडन के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला गैर वरीयता प्राप्त खिलाड़ी हैं। उन्होंने इस मौके को यादगार बनाया और शानदार जीत हासिल की। वोंड्रोसोवा ने सेमीफाइनल में यूक्रेन की एलीना स्वितोलिना को हराया था। दूसरी ओर, ओंस जेब्यूर लगातार दूसरी बार खिताबी मुकाबले में उतरीं, लेकिन उन्हें एक बार फिर निराशा हाथ लगी।
वोंड्रोसोवा की बात करें तो वह दूसरी बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में खेलीं। इससे पहले 2019 में उन्हें फ्रेंच ओपन के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। वह ऑस्ट्रेलिया और यूएस ओपन में चौथे राउंड तक ही पहुंच पाई हैं। दूसरी ओर, ओंस जेब्यूर तीसरी बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में उतरीं। उन्हें 2022 में विंबलडन और यूएस ओपन के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। एक बार फिर से जेब्यूर को हार का सामना करना पड़ा।