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Sunday, September 8, 2024

लगता है इस वर्ष भी BCA का घरेलू क्रिकेट रह जायेगा अधूरा !

नवीन चंद्र मनोज

पटना, 8 जुलाई। लगता है इस वर्ष भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के घरेलू क्रिकेट का सफर आधे पर रुक जाए। देर से शुरू हुए घरेलू क्रिकेट पर बारिश की मार पड़ गई है और हालात यही बता रहे हैं कि सीनियर व अंडर-19 पुरुष वर्ग के मुकाबले अपने अंतिम पड़ाव पर लगता है नहीं पहुंच पायेगा।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने इस सत्र में अपने घरेलू क्रिकेट की शुरुआत वनडे लीग से की। 28 मार्च से यह आयोजन शुरू हुआ। पहले वनडे लीग और इसके बाद सुपर लीग।

कहां अटका है अंडर-19 क्रिकेट का सफर

रणधीर वर्मा अंडर-19 क्रिकेट का सफर अपने अंतिम पड़ाव से तीन पायदान नीचे है। इसके वनडे और सुपर लीग के लीग मैचों का सफर खत्म हो गया है। सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबला बाकी है। राज्य में लगातार हो रही बारिश से इसमें बाधा उत्पन्न हुई।

सीनियर मेंस का सफर कहां अटका है

सीनियर मेंस क्रिकेट का सफर अभी बहुत पीछे है। वनडे मुकाबले खत्म हो चुके हैं। सुपर लीग के मुकाबले शुरू जरूर हो चुके हैं पर इसमें अभी बहुत मैच बाकी हैं। सुपर लीग में कुल 9 मुकाबले खेले गए हैं। सुपर लीग के रेस्ट ऑफ जोन की टीमों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है मैच की बात दूर है। इसमें अभी बहुत मैच खेले जाने बाकी हैं।

किन मैचों को पूरा कर पाया बीसीए

यह तो सही है कि पिछले सत्र की अपेक्षा इस सत्र में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने घरेलू क्रिकेट में ज्यादा मैच कराया। इस वर्ष अंडर-15 महिला क्रिकेट, अंडर-19 वीमेंस का टी20, सीनियर व अंडर-23 वीमेंस का टी20 व वनडे तथा अंडर-16 पुरुष वर्ग के मुकाबले को अंतिम पड़ाव तक पहुंचाने में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन सफल रहा।

क्यों अटके मैच

बिहार के क्रिकेट जानकारों का कहना है कि घरेलू क्रिकेट के अधूरे रहने के कई कारण हैं। पहला तो हम देर से जागते हैं यानी हमारा घरेलू क्रिकेट मार्च में शुरू होता है। हम इंतजार करते हैं बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट खत्म होने का। दूसरा हमारे पास ग्राउंड की कमी।

वे कहते हैं कि आज मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निमाण की बात जोर शोर से की जा रही है। इतने करोड़ का बजट होगा। ये सुविधाएं होंगी। कभी इस बात पर जोर नहीं दिया गया हर जिला में कम से कम एक टर्फ विकेट वाला बेहतर क्रिकेट मैदान बनाया जाए जिससे हमारा घरेलू क्रिकेट सही से हो सके। वर्तमान समय में टर्फ विकेट की बात तो छोड़िए समतल क्रिकेट ग्राउंड भी कुछ जिलों में नहीं हो सकता है। वे कहते हैं कि इस वर्ष भी कुछ ऐसे ग्राउंड पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने मैच का आयोजन कराया है जो केवल कहने को क्रिकेट ग्राउंड हैं और वहां टर्फ विकेट है उसकी मानकता न के बराबर है।

अगले साल से सब ठीक हो जायेगा

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा हर वर्ष यही कहा जाता है कि अगले वर्ष से इसे सुधार लिया जायेगा। इस वर्ष भी यही राग अलापा जा रहा है कि अगले वर्ष हम अक्टूबर से ही घरेलू क्रिकेट की शुरुआत कर देंगे। देखते हैं इस वर्ष क्या होता है।

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