जमशेदपुर/पटना। अंडर-23 भारतीय क्रिकेट टीम में कुमार सूरज के चयन ने उनके पिता सत्येंद्र प्रसाद को चौंका दिया। सत्येंद्र प्रसाद करते हैं कि मंगलवार को 1.45 बजे उन्हें स्वयं कुमार सूरज ने रांची से दूरभाष पर अपने चयन की जानकारी दी। सूरज के मुंह से भारतीय टीम में चयन की बात सुनते ही वे अंचभित हो गए।
कुमार सूरज के चयन पर बिहार क्रिकेट जगत भी प्रसन्नचित है। सूरज का घर पटना के पोस्टलपार्क के इंदिरानगर रोड नंबर दो में है। सूरज के चयन पर क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार के निदेशक अमिकर दयाल, अंतरराष्ट्रीय कोच अधिकारी मदन मोहन प्रसाद सहित अन्य क्रिकेट प्रेमियों ने बधाई दी है।
जिस समय सूरज ने अपने पिता सत्येंद्र प्रसाद को खबर दी, उस समय वे सर्किट हाउस एरिया स्थित अपने कार्यालय में थे। मालूम हो कि सूरज के पिता सत्येंद्र प्रसाद आयकर विभाग, जमशेदपुर में निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। सूरज से बातचीत के बाद सत्येंद्र प्रसाद ने यह खुशखबरी अपने कार्यालय के अन्य सहकर्मियों से साझा किया,जिससे समूचे कार्यालय का माहौल खुशनुमा हो गया। सभी ने बारी-बारी से सत्येंद्र प्रसाद को सूरज के चयन पर बधाई दी।
दस साल तक पिता ने ही निभाई कोच की भूमिका
कुमार सूरज के पिता सत्येंद्र प्रसाद बताते हैं कि सूरज ने डेढ़ साल की उम्र में ही प्लास्टिक बैट थाम ली थी और छह वर्ष की उम्र तक पूरा क्रिकेट किट सूरज को मिल चुका था। सत्येंद्र प्रसाद की मानें, तो दस वर्षों तक सूरज के लिए उन्होंने ही कोच से लेकर गेंदबाज व क्षेत्ररक्षक तक की भूमिका निभाई।
सूरज के क्रिकेट गुरू
बचपन में सूरज ने प्रैक्टिस पटना में चलने वाले क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (अमिकर दयाल) में ट्रेनिंग ली। 2005 तक यहां ट्रेनिंग की। इसके बाद पिताजी का ट्रांसफर जमशेपुर हो गया वह वहां चले गए। इसके बाद सूरज स्कूल ऑफ क्रिकेट (कोच राजीव नायर) और झारखंड क्रिकेट एकेडमी (कोच वेंकट राम) के रास्ते 2013-14 के सीजन में पश्चिमी सिंहभूम जा पहुंचा। चाईबासा जाने के बाद उसे झारखंड अंडर-19 और फिर झारखंड अंडर-23 टीम में खेलने का मौका मिला, जिसमें उसने खुद को साबित करते हुए आज अंडर-23 भारतीय टीम में दस्तक दे दी है।
मेरे जीवन का महत्वपूर्ण दिन
अंडर-23 भारतीय टीम में चयन होने के बारे में जब हमने खब्बू बल्लेबाज कुमार सूरज से बात की, तो उनका कहना था कि यह निश्चित रूप से उनके जीवन का महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि फार्मेट चाहे जो भी हो, हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह देश के लिए खेले। मुझे अंडर-23 टीम में शामिल किया गया है, यह मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। अब मेरी कोशिश होगी कि मैं चयनकर्ताओं की कसौटी पर खरा उतर सकूं। कुमार सूरज इन दिनों रांची में चल रहे झारखंड रणजी टीम के कैंप में शामिल हैं। उन्हें भारतीय टीम में चुने जाने की खबर अपने दोस्तों से मिली। सूरज ने अपने चयन पर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए), एवं पश्चिम सिंहभूम जिला क्रिकेट संघ के प्रति आभार प्रकट किया है। सूरज ने कहा कि उसे जिला व राज्य संघ से हमेशा सहयोग मिला। साथ ही सूरज अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता (रेखा प्रसाद व सत्येंद्र प्रसाद) को भी देना चाहते हैं, जिन्होंने बचपन से लेकर आज तक उनकी सभी जरूरतों को पूरा किया है। कारमेल जूनियर कॉलेज के पूर्व छात्र कुमार सूरज की मानें, तो पिता सत्येंद्र कुमार ही उनके आरंभिक दिनों के कोच हुआ करते थे और जब सूरज किट बैग लेकर ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे, तब भी पिता का साया हमेशा साथ रहा। कुमार सूरज का छोटा भाई कुमार आदित्य भी अपने बड़े भाई की तरह एक अच्छा क्रिकेटर बनने की चाह रखता है।
तीन साल पहले आये थे सुर्खियों में
तीन वर्ष पहले अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी हैदराबाद के खिलाफ 239 रनों की शानदार पारी खेलकर कुमार सूरज सुर्खियों में आए थे। कुमार सूरज की इस पारी की बदौलत झारखंड ने हैदराबाद को उसके घर में ही पारी व 37 रनों से हरा दिया था। साथ ही पिछले सीजन में झारखंड अंडर-23 की ओर से खेलते हुए लीग राउंड के अंतिम वनडे मैच में हरियाणा के खिलाफ 156 गेंदों पर 16 चौके व एक छक्के की मदद से 145 रनों की पारी खेल अपनी टीम को नॉकआउट में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। इतना ही नहीं 2018-19 में सूरज अंडर-23 वनडे में कुल 485 रन बनाकर देशभर के बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे थे।
साभार : दैनिक हिन्दुस्तान, जमशेदपुर