
संध्या कुमारी
पटना। बचपन में था कराटे से प्रेम। ब्राउन बेल्ट तक पहुंचे। शूटिंग में भी पदकों पर निशाना साधा। तरणताल में छपाक-छपाक कर लंबी-लंबी छलांगें लगाई। टेबुल टेनिस, स्क्वैश और बिलियड्र्स में भी हाथ आजमाया। धीरे-धीरे सबों को छोड़ तैराकी से नाता जोड़ लिया और बन गए बेहतरीन कोच। कईयों को न केवल तैरना बल्कि इसमें पदक जीतना सीखाया। बैंक में मैनेजर थे पर अभी कोर्ट में बहस करते हैं और तैराकी वाले संघ में बड़े पदाधिकारी के रूप में। इतनी प्रतिभाओं के धनी है प्रभाकर नंदन प्रसाद। तो आइए जानते हैं इनके बारे में-
भारतीय स्टेट बैंक के उप प्रबंधक के पद से स्वैछिक सेवानिवृति लेकर खेल एवं तैराकी के प्रति समर्पित पटना उच्च न्यायलय के अधिवक्ता प्रभाकर नंदन प्रसाद का जन्म पटना के कदमकुआं मोहल्ले में हुआ था। गंगा घाट से महज एक किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले प्रभाकर को बचपन से नदी, तालाबों तथा प्रकृति से प्यार था। इस कारण तैराकी से स्वाभाविक रूप से जुड़ गए। बैंक में भी रहकर कई गतिविधियां जारी रखी। ये भारत के पहले ऐसे एसबीआई के कर्मचारी हैं जिन्होंने कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स 2008, कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 तथा दक्षिण एशियाई फेडरेशन (सैफ) गेम्स २०१६ में बतौर स्विममिंग स्पर्धा में तकनीकी पदाधिकारी (जज) के रूप में हिस्सा लिया।



इससे पहले 1986 से लेकर अब तक कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में (जूनियर, सीनियर, मास्टर्स) खिलाडी, कोच, मैनेजर, जज के रूप में अपनी सहभागिता दी है। जब पटना में एक तरणताल के अलावा कोई और दूसरा सार्वजनिक स्विमिंग पूल नहीं था तब से ही इन्होंने कोच के रूप में तत्कालीन मौर्या क्लार्क होटल (अब के मौर्या होटल) में पटना वासियों को स्विमिंग सिखाना शुरू किया। इनसे प्रशिक्षित कई तैराक राज्य प्रतियोगिताओं में अपने-अपने में ग्रुप चैंपियन हुआ करते थे। पुनीत नंदन, सुरभि मित्रा, पल्लवी पैंगॉन्डा, तेजस्वी नंदन, सृस्टि सिंह, अभिज्ञ सागर, उर्विजा कीर्ति, श्रेया सिंह, अपूर्वा पराशर, भावनी वर्मा, ज्ञान गुंजन आदि अनेक तैराक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर राज्य का नाम रौशन किया है।









कालांतर में इन्होंने न्यू पटना क्लब के नव निर्मित स्विममिंग पूल में प्रशिक्षण दिया l इन्हे 6000 से अधिक लोगों को तैराकी सिखानेका गौरव प्राप्त है जिनमें 5 वर्ष के छोटे बच्चे से लेकर 80 वर्ष के बुजुर्ग भी शामिल हैं। बिहार तैराकी संघ के उपाध्यक्ष प्रभाकर प्रति वर्ष होने वाले संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लंबी दूरी गंगा नदी प्रतियोगिता के स्थापना काल 2002 से ही सफल संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।




प्रभाकर नंदन को कराटे में ब्राउन बेल्ट मिल चूका है। जिला एवं राज्य स्तरीय राइफल शूटिंग प्रतियोगिताओं में भी सक्रिय हिस्सेदारी रही है। बिलियड्र्स, टेबुल टेनिस एवं स्क्वैश खेल के प्रति लगाव रहा है। विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित मैराथन में भी भाग लेते रहे हैं। गुजरात सरकार द्वारा आमंत्रित सदस्यों में से एक प्रभाकर नंदन अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव में लगातार तीन वर्षों से अपने राज्य एवं देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर फोटोग्राफी में भी कई पुरस्कार जीते हैं। फोटोग्राफी कांटेस्ट में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। मैगजीन्स तथा विभिन्न समाचार पत्रों में भी इनके आलेख एवं फोटोग्राफ्स प्रदर्शित होते रहे हैं। राष्ट्रीय टेलीविज़न एवं रेडियो के माध्यम से भी इन्होने तैराकी के प्रति लोगो में जागरूकता फैलाई है। सरकारी स्तर पर पटना में एक 50 मीटर (ओलिंपिक स्तर) का एक सार्वजनिक स्वीमिंग पूल बने तथा एक खेल अकादमी की स्थापना हो, इसके लिए संघर्षशील एवं प्रयासशील हैं l नेत्रहीन तथा संसाधन से वंचित बच्चों को भी तैराकी सिखाने की तमन्ना रखते हैं l