पटना। बिहार क्रिकेट जगत से जो खबरें छन कर आ रही हैं अगर वह गॉसिप नहीं तो बिहार क्रिकेट के लिए अच्छी खबर हो सकती है। ऐसे खबर की सत्यता की बात कोई भी नहीं कर रहा है पर यह जरूर कह रहा है कि अच्छी बात है जो सबों को क्रिकेट के विकास की सोच है और वे अपने व्यक्तिगत चीजों को भूल एक साथ मिल रहे हैं।
पहली खबर यह आ रही है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के एक पूर्व अधिकारी के घर पर कल एक अतिमहत्वपूर्ण बैठक होने वाली है या इस बैठक को कराई जा रही है। इस बैठक में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के कुछ बड़े पदाधिकारी शामिल होंगे। एक साथ बैठने का मतलब है आपस के गतिरोध को दूर करना और बिहार क्रिकेट को आगे ले जाना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के बड़े पदाधिकारियों में वे भी शामिल हैं जो दो दिग्गजों के बीच चल रही आर-पार की लड़ाई को मिटाना चाहते हैं। वे दोनों तरफ से तटस्थ हैं। ऐसे पहले खबर यह आई थी कि यह बैठक आज ही आयोजित होने वाली थी पर इसके मेजबान आज पटना से बाहर चले गए हैं इसीलिए इसे कल तक के लिए टाल दिया गया।
दूसरी खबर यह सामने आ रही है कि इस बैठक के पहले एक भेंटवार्ता हो चुकी है। यह भेंटवार्ता में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में आर-पार की लड़ाई लड़ रहे दो पदाधिकारियों के बीच हुई थी। इस भेंटवार्ता के दौरान भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के एक वरीय पदाधिकारी मौजूद थे जो दोनों तरफ से तटस्थ हैं।
गौरतलब है कि बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव से चयनित अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और सचिव संजय कुमार में आर-पार की लड़ाई छिड़ी हुई है। दोनों ने एक-दूसरे को निलंबित कर रखा है। इस लड़ाई के कारण बिहार में क्रिकेट के विकास की गति पूरी तरह ठप पड़ गई है।
क्रिकेट जानकारों का कहना कि अगर ये दोनों बातें पूरी तरह सही है तो नवरात्रि में बिहार क्रिकेट के लिए इससे बेहतर बात क्या हो सकती है। वे कहते हैं कि आपसी लड़ाई में इन पदाधिकारियों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है, नुकसान तो बिहार क्रिकेट को होगा चाहे वह खिलाड़ी हो या अन्य। लड़ाई का ही नतीजा है कि आज की तारीख तक बिहार में क्रिकेट की कोई गतिविधि शुरू नहीं हो पाई है। इन सबों का कहना है कि नवरात्रि पर्व में हमारी दुर्गा से यही प्रार्थना है कि बिहार क्रिकेट पर घिरे बादल को दूर करने का प्रयास करें। अब तो देखना है कि गॉसिप वाली खबर सच्चाई के रूप कैसे सामने आती है।




