Home ASIAN GAMES इन भारत के स्टार खिलाड़ियों के लिए आखिरी होगा Hangzhou Asian Games

इन भारत के स्टार खिलाड़ियों के लिए आखिरी होगा Hangzhou Asian Games

by Khel Dhaba
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नईदिल्ली, 18 सितंबर। टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना से लेकर हॉकी के दिग्गज गोलकीपर पी आर श्रीजेश और महान टेबुल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल तक , भारत के कई धाकड़ खिलाड़ी हांगझोउ में एशियाई खेलों से विदा लेंगे। शरत और रोहन चालीस पार करने के बाद भी विश्व स्तरीय प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि 35 वर्ष के श्रीजेश अभी भी भारतीय हॉकी की दीवार हैं।

अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया, स्क्वाश स्टार दीपिका पल्लीकल, टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना और चक्काफेंक खिलाड़ी सीमा पूनिया के लिये भी यह आखिरी एशियाई खेल हैं। ये सभी कैरियर के आखिरी पड़ाव पर भी पदक के दावेदार हैं।

रोहन बोपन्ना : 43 वर्ष के बोपन्ना ने इस साल पुरुष युगल वर्ग में विम्बलडन सेमीफाइनल और अमेरिकी ओपन फाइनल खेला। उन्होंने रविवार यानी 17 सितंबर को ही डेविस कप से विदा ली और हांगझोउ में पुरुष युगल एशियाई खेलों में उनकी आखिरी स्पर्धा होगी। इक्कीस साल पहले एशियाई खेलों में पदार्पण करने वाले बोपन्ना गत चैम्पियन हैं। उन्होंने 2018 में दिविज शरण के साथ खिताब जीता था । वह हांगझोउ में युकी भांबरी के साथ उतर सकते हैं।

अचंत शरत कमल : 41 वर्ष के टेबुल टेनिस स्टार शरत कमल अब तक एशियाई खेलों में दो पदक जीत चुके हैं। यह उनका पांचवां और आखिरी टूर्नामेंट है। उन्होंने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीते थे। पुरुष टीम ने पिछली बार कांस्य पदक जीता था और इस बार भी पदक की प्रबल दावेदार है। एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर राष्ट्रमंडल खेलों से काफी कठिन रहता है। शरत ने पिछली बार मनिका बत्रा के साथ कांस्य जीता था लेकिन इस बार मनिका एशियाई खेलों में जी साथियान के साथ उतरेगी।

अंकिता रैना : सानिया मिर्जा के बाद एशियाई खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना इस बार भी पदक की दावेदार है। वह महिला युगल और मिश्रित युगल में भी खेल सकती हैं।

पी आर श्रीजेश : भारतीय हॉकी की दीवार श्रीजेश एक समय में एक ही टूर्नामेंट पर फोकस कर रहे हैं। यह उनके आखिरी एशियाई खेल हैं जिनमें स्वर्ण पदक जीतकर अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करना भारतीय टीम का लक्ष्य है। भारत के लिये 2006 में सीनियर स्तर पर पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद वह टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद कांस्य जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। जकार्ता में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम को अगर पदक का रंग बदलना है तो उसमें श्रीजेश की अहम भूमिका होगी।

दीपिका पल्लीकल : दो बच्चों की मां दीपिका का यह चौथा और आखिरी एशियाई खेल है। वह एशियाई खेलों में दो एकल और दो टीम पदक जीत चुकी है। वह इस बार मिश्रित युगल में हरिंदर पाल संधू के साथ खेलेगी। दीपिका ने बच्चों के जन्म के बाद जोशना चिनप्पा और सौरभ घोषाल के साथ दो विश्व खिताब जीते। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में भी मिश्रित युगल कांस्य जीता था।

बजरंग पूनिया : 29 वर्ष के पहलवान पूनिया भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में प्रदर्शन की अगुवाई करने के बाद पहली बार मैट पर लौटेंगे। वह 65 किलोवर्ग में गत चैम्पियन हैं। टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पूनिया तीसरी बार एशियाई खेलों में भाग लेंगे। वह 2014 में इंचियोन में रजत पदक जीत चुके हैं।

सीमा पूनिया : 40 वर्ष की सीमा ने पिछले दो सत्रों में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में वह पदक नहीं जीत सकी थी। एशियाई खेल उनके पास पोडियम पर खड़े होने का आखिरी मौका है।

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