बातुमी (जॉर्जिया), 25 जुलाई। भारतीय शतरंज को लेकर शनिवार का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख पहली बार फिडे महिला विश्व कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी। यानी भारत को पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में चैंपियन मिलने जा रहा है।
पहली बार दो भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी फाइनल में आमने-सामने।
दोनों खिलाड़ियों ने महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी किया क्वालीफाई।
38 वर्षीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी और 19 साल की युवा सनसनी दिव्या देशमुख ने चीन की दिग्गज खिलाड़ियों को हराकर फाइनल में जगह बनाई। हम्पी ने सेमीफाइनल में टिंगजी लेई को टाईब्रेकर में मात दी, वहीं दिव्या ने पूर्व विश्व चैंपियन झोंगयी टैन को हराकर धमाका किया।
हम्पी का अनुभव बनाम दिव्या की आक्रामकता
हम्पी को बड़े मुकाबलों का अनुभव है। उन्होंने इससे पहले वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप भी जीती है और हाल ही में महिला ग्रां प्री में संयुक्त विजेता रही थीं। वहीं, दिव्या ने इस टूर्नामेंट में शीर्ष 10 में से तीन खिलाड़ियों को हराकर सबको चौंकाया है। खासकर जब उन्होंने चीन की नंबर-2 जिनर झू को हराकर शुरुआत की थी।
दिव्या देशमुख बोलीं – “नींद और खाना चाहिए, मैं काफी चिंतित हूं”
फाइनल में पहुंचने के बाद दिव्या ने कहा, “मैं थोड़ा थक गई हूं। मुझे लगता है कि मैं और बेहतर खेल सकती थी। लेकिन भाग्य ने साथ दिया और अब मैं फाइनल में हूं।”
टूर्नामेंट की पुरस्कार राशि
विजेता – $50,000
रनर-अप – $35,000
अगर क्लासिकल फॉर्मेट में दोनों के बीच मुकाबला 1-1 से ड्रॉ रहा, तो फाइनल का फैसला टाईब्रेकर रैपिड और ब्लिट्ज गेम्स से होगा।