रांची। कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के द्वारा टेक्निकल ऑफिसियल, प्रशिक्षक व खिलाड़ियों के लिए आयोजित ऑनलाइन कबड्डी वर्कशॉप में शुक्रवार को पुनेरी पलटन के कोच रवि शेट्टी ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
उन्होंने कहा की कबड्डी खेल में जुड़ने के लिए बच्चों को गार्जियन साथ नहीं देते हैं क्योंकि इस खेल में बच्चों में इंजरी की संभावनाएं अधिक होती है। उन्होंने यह भी बताया कि कबड्डी खिलाड़ी बहुत निम्न परिवार से आते हैं। शुरुआती दिनों में जब कोई बच्चा कबड्डी खेल की शुरुआत करता है तो उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई खिलाड़ियो का आर्थिक अवस्था ठीक नहीं रहती है। यदि कोई बच्चा कबड्डी खेलना भी चाहता है तो उनके परिवार की तरफ से बहुत कम सपोर्ट मिलता था। इन सब बाधाओं को किस प्रकार से कबड्डी खिलाड़ी अपने आप को दूर कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कबड्डी कम खर्च वाला खेल है इसमें खिलाड़ी को एक टी-शर्ट व एक पेंट के साथ अपने खेल की शुरुआत कर सकता है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर उनके सीनियर खिलाड़ी अपने जूनियर को हमेशा दिशा-निर्देश देते हैं जिससे उन्हें खेल में और बढ़ावा मिलता है।
आज के वर्तमान समय में कबड्डी खेल एक नई रूपरेखा के साथ आगे बढ़ रहा है कई बड़े-बड़े कंपनियां उद्योगपति आदि इस खेल से रुचि रखने लगे हैं जिसे आज के समय में कबड्डी खिलाड़ियों को अब धीरे-धीरे आर्थिक सहायता मिलने लगी है।
उन्होंने कबड्डी खिलाड़ियों को रोजगार से संबंधित कई प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि कबड्डी खिलाड़ियों के लिए भी आर्मी, एयर फोर्स, नेवी, रेलवे, बैंक,पब्लिक सेक्टर आदि क्षेत्रों में रोजगार के कई संभावनाएं अब खुल गई है। यदि कोई खिलाड़ी अपना खेल राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करता है इन खिलाड़ियों को इन सब क्षेत्रों में रोजगार पाने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ी शारीरिक रूप से काफी फिट होते हैं जिससे उनको इस खेल में खेलने में काफी सहायक होता है।
उन्होंने प्रशिक्षण की अनेक प्रकार के विधि बताएं आने वाले भविष्य में विद्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्र से अनेक प्रकार के खिलाड़ी विकास के लिए एक नई रूपरेखा बनाकर काम करना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष राजीव रंजन मिश्रा ने सबों को धन्यवाद दिया। कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड ने बताया कि कल 6 जून को डॉ. सुनील दवास रू-ब-रू होंगी।