नई दिल्ली। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (जगन्नाथ गुट) के अध्यक्ष जगन्नाथ सिंह ने प्राशसको की समिति (सीओए) को सर्वोच्च अदालत के आदेश को न मानने के कारण अवमानना का मुकदमा दायर करने की धमकी दी है। बीसीए अध्यक्ष ने कहा है कि सीओए ने सर्वोच्च अदालत के नौ अगस्त 2018 के आदेश का उल्लंघन किया है।
बीसीए ने यह फैसला तब लिया जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपनी वेबसाइट पर गोपाल बोहरा और रविशंकर प्रसाद सिंह द्वारा भेजे गए अंपजीकृत संविधान को जारी कर दिया।
जगन्नाथ सिंह ने अपने पत्र में साफ-साफ लिखा है कि वेबसाइट पर अपंजीकृत संविधान जारी करना सर्वोच्च अदालत के आदेश का उल्लंघन है। ऐसे में दोनों संविधान वेबसाइट पर लगाए जाएं नहीं तो बीसीए (जगन्नाथ सिंह गुट) इसके खिलाफ कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएगा।
पत्र में लिखा है, सर्वोच्च अदालत के निर्देश के अनुसार, राज्य संघ नौ अगस्त 2018 के आदेश के मुताबिक काम करे। अगर ऐसा नहीं होता है तो राज्य संघ को बीसीसीआई से मान्यता नहीं दी जाएगी जिसकी वजह सर्वोच्च अदालत के आदेश को न मानना होगी।
उन्होंने कहा, आप अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह साफ तौर पर बता रहे हैं कि बी कैटेगरी में शामिल राज्य संघ सर्वोच्च अदालत के आदेश से इतर जा कर बिना पंजीकृत संविधान के साथ काम कर सकते हैं, यह सर्वोच्च अदालत के नौ अगस्त 2018 के आदेश का उल्लंघन है।
उन्होंने आगे लिखा, अगर आप बिहार के दो संघों को बिना पंजीकृत संविधान के मान्यता दे रहे हैं तो आपको दोनों संघों के संविधान को वेबसाइट पर जारी करना चाहिए। सीओए या तो दोनों संविधान जारी करे या फिर जो एक संविधान जारी किया गया है उसे वेबसाइट से हटाए।