पटना, 21 सितंबर। बिहार के विभिन्न खेल संघों ने बिहार सरकार द्वारा लाई गई नई उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्ति नियमावली 2025 और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के तानाशाही फैसले के खिलाफ हुंकार करने का फैसला किया है। इन सबों ने बिहार सरकार के मुखिया से मांग की है कि अगर इस नियमावली में जल्द सुधार नहीं हुआ और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के एक पदाधिकारी को वहां से नहीं हटा गया तो हम सभी आंदोलन करने पर मजबूर हो जायंगे।
राजधानी के निजी होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्य के विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारियों ने साझा प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की। गौरतलब है कि नई नियमावली में जूनियर आयु वर्ग के विजेता खिलाड़ियों की नियुक्ति पर रोक लगाया गया है।
खेल संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह संशोधन एक साजिश के तहत बिना हितधारक का ख्याल रखके जान-बूझकर बिहार के खेल को बाधित करने के लिए किया गया है। राज्य के खेल संघ ऐसे पदाधिकारी पर सख्त कार्यवाही करने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करता है।
प्रेस वार्ता में कहा गया कि राज्य में विभिन्न खेलों के विकास के लिए खेल संघ कार्यरत हैं और अपने सीमित संसाधन से राज्य में दिन-रात खेल के विकास के लिए प्रयासरत हैं। अभी हाल ही में राज्य में सफलतापूर्वक आयोजित की गई खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में राज्य के खेल संघ ने तन-मन एवं धन से सहयोग दिया।
आज तक अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जो भी खिलाड़ी मेडल प्राप्त कर रहे हैं उसमें राज्य खेल संघ के द्वारा की गई कड़ी मेहनत का ही परिणाम है। राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों की सहभागिता कराना राज्य खेल संघ का कार्य है। खेल विभाग का काम है संबंधित खेल संघ को नियमानुसार सहायता प्रदान करना। लेकिन वर्तमान में खेल विभाग के निष्क्रियता के कारण बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की राइट खरीद कर फेडरेशन के माध्यम से राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
विगत 4 वर्षों से खेल संघों को अनुदान से वंचित रखा जा रहा है। जिसका सीधा प्रभाव राज्य में खेल के विकास पर पड़ रहा है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण का मुख्य कार्य राज्य में भारत सरकार के खेल मंत्रालय की सूची में शामिल खेल के अनुरूप योजना तैयार कर राज्य के खेल विभाग को खेलों के उत्थान के लिए राज्य में कार्यरत खेल संघो के कार्य सूची योजना के अनुरूप संसाधन उपलब्ध कराने का सुझाव देना है।
वर्तमान में प्राधिकरण का एकमात्र उद्देश्य है आयोजन कराओ पैसा कमाओ रह गया है। इस तरह के आयोजन कर, आतिशबाजी करने से राज्य में खेल का विकास नहीं हो सकता। पूरे भारत के किसी भी राज्य में सरकार द्वारा अपने स्तर से अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं एवं अन्य आयोजन नहीं किया जाता है आयोजन की जवाबदेही संबंधित खेल संघ का है सरकार का काम आयोजन के लिए नियमानुकुल सहायता उपलब्ध कराना है।
एक ओर खेलो इंडिया यूथ गेम में मेडल प्राप्त करने वाले राज्य के खिलाड़ियों को अभी तक कोई भी राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है जबकि अभी हाल ही में संपन्न हीरो एशिया कप जिसमें बिहार के एक भी खिलाड़ी नहीं था को करोड़ों रुपया की राशि दे दी गई। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण अपने लक्ष्य से भटक गया है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण का गठन बिहार के खिलाड़ियों के कल्याण के लिए है ना कि देश के खिलाड़ियों के लिए, व्यक्ति विशेष द्वारा अपना चेहरा चमकाने के लिए सारे नियम कानून का उल्लंघन कर राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा बिना सरकार की अनुमति से एक प्राइवेट संस्था को करोड़ रूपया की राशि आवंटित की गई जो कि एक घोर वित्तीय अनियमितता है। साथ ही साथ एक ही परिवार के चार कंपनियों को ब्रांडिंग के नाम पर करोड़ों रुपया की राशि का भुगतान एवं अपने गृह राज्य की कंपनी को वित्तीय नियम का उल्लंघन कर टेंडर दिया गया।
विगत 50 वर्षों में बिहार सरकार द्वारा जितनी राशि उपलब्ध करायी गयी थी उससे अधिक की राशि मात्र तीन साल में सरकार द्वारा विभाग को उपलब्ध कराया गया और इन सभी राशियों का आयोजन के नाम पर दुरूपयोग किया गया
खेल संघों ने राज्य के मुखिया के सामने अपनी मांगों को रखा है।
1. उत्कृष्ट खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली 2025 में अविलंब सुधार किया जाए ।
2. खेल विभाग द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान डीबीटी के तहत किया जाए ।
3. खेल संघो को वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023- 24 एवं 2024-25 के अनुदान की राशि संशोधित नियमावली के तहत अविलम्ब उपलब्ध कराया जाए।
4. मुख्य सचिव के निर्देशानुसार प्राथमिकता सूची में शामिल खेल के विकास हेतु निगम द्वारा दी जाने वाली राशि का खर्च संबंधित खेल संघो के को उपलब्ध कराया जाए।
5. राज्य खेल संघो को खेल मैदान एवं प्रशिक्षक उपलब्ध कराया जाए ।
6. पाटलिपुत्र खेल परिसर में खेल संघ के लिए आवंटित कार्यालय खेल संघ को तुरंत प्रभाव से उपलब्ध कराया जाए, जिससे कि संघो द्वारा खेल गतिविधि को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।
7. जिला खेल पदाधिकारी के नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया जाए।
8.राज्य विद्यालय खेल एवं मसाल खेल के आयोजन कि जवाबदेही शिक्षा विभाग को दी जाए तभी यह योजना सफल हो पाएगा ।
9.मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत संचालित एकलव्य प्रशिक्षण केन्द्र को अविलम्ब चालू किया जाय।