पटना। बिहार के क्रिकेट प्रेमियों में एक सवाल अभी तक कौंध रहा है कि आखिर कुमार श्रेय उर्फ राजा बाबू का सेलेक्शन बिहार अंडर-16 क्रिकेट टीम में क्यों नहीं हुआ। लोग कहते हैं कि उसमें टैलेंट भी है, सेलेक्शन ट्रायल भी उस खिलाड़ी का अच्छा गया था। उसका रजिस्ट्रेशन भी था फिर क्या वजह हुई जो राज्य के इस उदीयमान खिलाड़ी को बाहर रखा गया।
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पिछले दिनों टीम की घोषणा के बाद कुमार श्रेय नहीं चुने जाने के बाद सोशल मीडिया पर खूब टीका टिप्पणी हुई। मीडिया में इस खिलाड़ी की मां के दर्द की दास्तान सहित खिलाड़ी के सुसाइड की खबर भी खूब चर्चा में रही। खेलढाबा.कॉम खिलाड़ी की सुसाइड सहित खबरों का पक्षधर नहीं है पर यह जरूर चाहता है कि इसके नहीं खेलने के राज से पर्दा उठना चाहिए। खेलढाबा.कॉम आपको टीम की घोषणा के बाद इस मुद्दे से जुड़ी जिन-जिन पहुलओं पर चर्चा हुई उसे आपके प्रस्तुत कर रहा है। साथ ही कई चीजों को आपके सामने रखेगा जिस पर आप खुद निर्णय लेंगे क्या सही या गलत।
पहला मुद्दा यह सामने आया कि कुमार श्रेय ने जो डाक्यूमेंटस दिया है वह गलत है और इसके चलते ही पिछले साल उनका रजिस्ट्रेशन विथ हेल्ड था। सवाल यह है कि पिछले साल जिन डाक्यूमेंटसों के चलते उनके रजिस्ट्रेशन को विथ हेल्ड रखा गया था उसके बारे में खिलाड़ी को क्या बताया गया। क्या खिलाड़ी को बताया गया कि आपका यह डाक्यूमेंटस गलत है और आप इसे दोबारा दें। अगर उन्होंने डाक्यूमेंटस गलत दिया है तो उन्हें इसके लिए चेतावनी देनी चाहिए थी और ट्रायल मैच नहीं सेलेक्शन प्रक्रिया शुरू होने से पहले कह देना चाहिए था कि आप उचित डाक्यूमेंटस लाकर दीजिए तब आपको आगे खेलने दिया जायेगा। चाहे आपका यह डाक्यूमेंटस आपके लिए घातक साबित होगा। अगर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन इन सारी बातों से खिलाड़ी को अवगत कराया है तो खिलाड़ी के गार्जियन को ध्यान देना चाहिए था। साथ ही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने अगर खिलाड़ी को इस बारे में बताया और खिलाड़ी ने ध्यान नहीं दिया और अब हंगामा कर रहा तो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन सामने आकर कहे कि इस खिलाड़ी के चयन नहीं होने में यह बाधा खड़ी हुई है पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन मौन है।
दूसरी बात यह सामने आ रही है कि कुमार श्रेय का इस साल मेडिकल ही नहीं हुआ और इसी कारण उसका चयन नहीं किया गया है। ऐसा सुनने में आया है कि ये बातें चयनकर्ता भी ऑफ द रिकॉर्ड कई जगहों पर बोल चुके हैं। पर सवाल है कि इस खिलाड़ी का इस साल मेडिकल का सवाल ही कहां उठता है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन जोनल ट्रायल के बाद जो लिस्ट मेडिकल जांच के लिए जारी किया उसमें इस खिलाड़ी को पहले से रजिस्टर्ड घोषित किया और बाद के लिस्टों में यही रहा।
बीसीए ने जो लिस्ट सेलेक्शन ट्रायल से पहले अपने बेवसाइट पर डाला था उसमें कुमार श्रेय का नाम पिछले वर्ष के योग्य निबंधित खिलाड़ियों की सूची में था। इससे साफ पता चलता है कि कुमार श्रेय निबंधित तो हैं ही बल्कि उनका रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से पास है फिर वह कहां फेल हो गए। इस बात पर बीसीए से बिहार क्रिकेट जगत जवाब चाह रहा है।
इन सारी बातों को लेकर कुमार श्रेय के पिता पुराने से लेकर नये पदाधिकारियों के पास गुहार लगाई पर कोई बात नहीं बनी। आखिर में उन्होंने मेडिकल के मामले को लेकर बीसीसीआई के ऑपरेशन जीएम सबा करीम को मेल किया और सारी चीजों को बताते पूछा कि हमें बताया जाए कि मेरा रजिस्ट्रेशन क्लीयर है या नहीं।
इसके ईमेल का जवाब डॉ अभिजीत साल्वी ने दिया जिसमें लिखा कि बीसीसीआई ऐज वेरिफिकेशन डिपार्टमेंट 10 अक्टूबर, 2018 को कह चुका है कि आप अंडर-16 क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकते हैं और इसका ईमेल बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को भी भेजा जा चुका है।
कुमार श्रेय के पिता द्वारा एक बात क्रिकेट जगत में कही जा रही है कि मेरे अपने ही मेरे बेटे के कैरियर में अड़गा लगा रहे हैं। सबकुछ ठीक है फिर भी चयन नहीं होना सोचने वाली बात है कि खैर ऊपर वाला है न्याय अवश्य मिलेगा।
खेलढाबा.कॉम के पास कुमार श्रेय की पढ़ाई सहित अन्य संबंधित कागजात हैं जिससे देख कर आप खुद फैसला करें कि क्या सच, क्या झूठ। कुमार श्रेय केंद्रीय विद्यालय, बेली रोड के छात्र हैं।
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बिहार क्रिकेट जगत इस पूरे मामले में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से पर्दा उठाने का आग्रह कर रहा है। साथ यह भी आग्रह कर रहा है कि इस उदीयमान खिलाड़ी ने कागजात देने में गलती कर रहा है तो सही कागजात लाने कहें और उसके कैरियर को आगे ले जाने में मदद करें।
खेलढाबा.कॉम किसी भी कागजात के सत्य या असत्य होने की बात नहीं करता है। यह सभी जांच का विषय है और यह संगठन के दायरे की चीज है।