पटना, 18 सितंबर। सर क्या डायरेक्टे एयरपोर्ट पर टीम एसेम्बल होगा क्या। अभी तक कैंप की घोषणा तक नहीं हुई। पहले 80 से 100 लोगों का कैंप लगेगा। फिर इसके बाद इससे छंटनी होगी। फिर यह डाटा 50 पहुंचेगा और फिर फाइनल टीम लिस्ट बनेगी। यह सब लगता है बिहार क्रिकेट एसोसिएशन एक दिन में पूरा कर लेने वाला है। ऐसी ही चर्चा बिहार क्रिकेट जगत में आजकल जोरों पर है। ये चर्चाएं बिहार रणजी टीम, अंडर-23 पुरुष टीम और सीनियर वीमेंस क्रिकेट टीम को लेकर है। चर्चा होना भी लाजिमी है क्योंकि अभी तक इन फॉरमेटों के कैंप की तिथि घोषित नहीं हुई है। सीनियर वीमेंस क्रिकेट टीम के लिए लिस्ट तो निकल गया है पर कैंप की तिथि अभी भी नहीं घोषित की गई है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के घरेलू क्रिकेट कैलेंडर के अनुसार रणजी ट्रॉफी के मुकाबले 11 अक्टूबर से शुरू हो जायेंगे। बिहार अपना पहला मुकाबला हरियाणा के खिलाफ खेलेगा। कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी अंडर-23 मल्टी डेज टूर्नामेंट के मुकाबले 13 अक्टूबर से शुरू होंगे। बिहार अपना पहला मुकाबला 13 अक्टूबर को अपने घर में ही हैदराबाद के खिलाफ खेलेगा। सीनियर वीमेंस टी20 ट्रॉफी के मुकाबले 18 अक्टूबर से शुरू होने वाले हैं और बिहार अपना पहला मैच इसी तारीख को मेघालय के खिलाफ खेलेगा। कुल मिला कर इन सबों में अभी 1 महीना से कम समय है क्योंकि टीम को आयोजन स्थल पर 1 से 2 दो दिन पहले जाना होता है।
बिहार क्रिकेट जगत में इस बात पर चर्चा है कि एक तो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के घरेलू क्रिकेट की कहानी हर साल अधूरी रहती है। हर फॉरमेट का मुकाबला अपने अंतिम चरण पर नहीं पहुंच पाता है। किसी न किसी फॉरमेट की कहानी अधूरी रह जाती है। कम से कम सेलेक्शन ट्रायल की प्रक्रिया और उसके बाद कम से कम 15 से 20 दिन का विशेष कैंप लगाने की प्रक्रिया तो पूरी तन्मयता से हो पर इसमें भी लेट लतीफी और बाद कहा जायेगा कि परफॉरमेंस खराब।
बिहार क्रिकेट जगत का कहना है कि जो कुछ थोड़ा मैच बिहार जीतता है या परफॉरमेंस अच्छा रहता है वह सभी बिहार के क्रिकेटरों की देन है जो अपनी क्षमता यानी अपने खर्च पर अभ्यास करते हैं और इधर-उधर प्रैक्टिस मैच खेल कर अपने क्रिकेट पैशन को जिंदा रखे हुए रहते हैं। बीसीए इन्हें साल भर में चार से पांच मैच तो खेलने की सुविधा उपलब्ध कराता है।
जहां तक अन्य राज्यों की बात है। वे सभी हमें से काफी आगे हैं। पड़ोसी राज्यों की तो छोड़े। नार्थ ईस्ट के राज्य भी हमसे क्रिकेट गतिविधियों में आगे चल रहे हैं। उन्होंने टीम की घोषणा कर दी और अपनी टीम को अभ्यास मैच खेलने के लिए भी बाहर भेज दिया है।
बिहार क्रिकेट जगत का कहना है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन इन सभी चीजों के लिए बहाना भी बनायेगा। यहां तो केवल लड़ाई होती रहती है। अकाउंट बंद है। ये है, वो है। क्या इन सबों के लिए यहां के क्रिकेटर दोषी हैं। नहीं ना, तो फिर उनके खेल से खिलवाड़ क्यों। लड़ाई-झगड़ा, क्रिकेट की राजनीति आप सभी करें पर क्रिकेटरों को उनका हक समय के अनुसार दे दें बस। क्रिकेट जगत अंत में यही कहता है कि देखिए कब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की नींद खुलती है।