पटना। पिछले दिनों खेलढाबा.कॉम पर एक खबर बिहार क्रिकेट को लेकर छपी। इस खबर का शीर्षक था “भविष्यवक्ता या पद के दुरुपयोगी है ज्ञानेश्वर गौतम”। इस खबर के छपने के बाद पूर्वी चंपारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव सह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी) के टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक ज्ञानेश्वर गौतम ने अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डालते हुए इस खबर के साथ-साथ एक-दो खबरों को लेकर खेलढाबा.कॉम की खबर पर सवाल खड़ा किया है। फिलहाल खेलढाबा.कॉम “भविष्यवक्ता या पद के दुरुपयोगी है ज्ञानेश्वर गौतम” वाली खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है और फैसला बिहार क्रिकेट जगत, बिहार के क्रिकेट व खेल प्रेमियों और जनता पर छोड़ता है कि वह तय करें कि इस मामले में ज्ञानेश्वर गौतम द्वारा किये गए इस कार्य में पद का दुरुपयोग किया गया है या नहीं….
मामला यह है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने रणधीर वर्मा अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के सुपर लीग के लिए 8 जोन (पाटलिपुत्र, मगध, मिथिला, अंगिका, सीमांचल, शाहाबाद, वेस्टर्न, सेंट्रल) के रेस्ट ऑफ जोन की टीमों की घोषणा की गई। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा यह लिस्ट अपने बेवसाइट पर 29 जून,2023 को डाली गई थी।
पूरा मामला यहीं से शुरू होता है कि बीसीए के घोषणा के पहले ही 25 जून को ईस्ट चंपारण जिला क्रिकेट संघ की मीडिया कमेटी ने अपने जिला सचिव सह बीसीए टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक ज्ञानेश्वर गौतम का हवाला देते हुए वेस्टर्न जोन के रेस्ट ऑफ जोन टीम में ईस्ट चंपारण जिला से चयनित छह प्लेयरों के नाम का प्रेस रिलीज बधाई देते हुए जारी किया है।
अब पुन: आते हैं मुद्दे पर। खेलढाबा ने 29 जून, 2023 को इसी मामले को लेकर एक खबर छापी “भविष्यवक्ता या पद के दुरुपयोगी है ज्ञानेश्वर गौतम”। खेलढाबा आपको बता रहा है कि कैसे भविष्यवक्ता हैं और पद का दुरुपयोग कहां और कैसे हुआ है।
ज्ञानेश्वर गौतम को यह कैसे पता चला उनके जिला के आशुतोष पांडेय को ही टीम की कमान सौंपी गई है।
पूर्वी चंपारण जिला क्रिकेट संघ के मीडिया कमेटी द्वारा 25 जून, 2023 को जारी प्रेस रिलीज में यह कैसे लिखा गया कि अंतर जिला अंडर-19 रणधीर वर्मा क्रिकेट टूर्नामेंट के लीग मैचों में किये गए प्रदर्शन के आधार पर बीसीए जोनल चयनसमिति ने 17 सदस्यीय वेस्टर्न जोन टीम की सूची जारी किया है। जबकि बीसीए ने अपने बेवसाइट पर इस लिस्ट 29 जून को जारी किया तो क्या केवल ईस्ट चंपारण जिला क्रिकेट संघ को ही यह लिस्ट पहले भेज दिया गया ?
इसका मतलब यह है कि या तो टीम चयन में टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक होने के नाते ज्ञानेश्वर गौतम की भागीदारी थी या सेलेक्टरों ने उन्हें सभी जोनों की लिस्ट टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक होने के नाते देख लेने के लिए भेजी हो। इस पर हम कोई सवाल खड़ा नहीं करेंगे उनकी भागीदारी क्यों थी या सेलेक्टरों ने उन्हें क्यों भेजी ?
सवाल यह है कि इन कार्यों में ज्ञानेश्वर गौतम की भागीदारी टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक होने के नाते थी जिसे शायद वो भूल गए और पूर्वी चंपारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव होने के नाते अपने हवाले से लिस्ट को मीडिया में जारी कर दिया जो अपने पद का सीधा दुरुपयोग प्रतीत होता है। इस लिस्ट की जानकारी बीसीए के अन्य पदाधिकारियों को भी होगी। वह भी किसी न किसी जिला से ताल्लुक रखते हैं। हो सकता है उन्होंने अपने जिला संघ के पदाधिकारियों को बताया भी होगा पर उन सबों ने अपनी गरिमा को बचाए रखा और बीसीए द्वारा लिस्ट जारी होने का इंतजार करते रहे जो ज्ञानेश्वर गौतम ने नहीं किया।
ज्ञानेश्वर गौतम ने अपने पोस्ट में लिखा है कि महोदय क्या मुझे परफॉर्मेंस के आधार पर यह पता नही होना चाहिए की हमारा कौन खिलाड़ी टीम का हिस्सा है?
खेलढाबा इस सवाल को लेकर ही ज्ञानेश्वर गौतम से प्रश्न पूछता है कि खिलाड़ी टीम का हिस्सा है या हो सकता है या होगा। चलिए खिलाड़ी हिस्सा है या हो सकता है। कप्तान भी फ्लाना खिलाड़ी ही होगा यह कैसे पता चला। इतना ही नहीं खिलाड़ियों की टीम लिस्ट बनी है। लिस्ट भी जारी कर दिया गया है। भाई कहां लिस्ट जारी किया गया। क्या सभी जिलों को ईमेल के जरिए लिस्ट भेजी गईथी। यह नहीं हुआ होगा ऐसा तय। खेलढाबा.कॉम निष्पक्ष पत्रकारिता में विश्वास करता है। किसी एक का पक्ष लेने का सवाल ही नहीं उठता है। अब क्रिकेट से जुड़ा यह मामला जनता हवाले है।