पटना, 22 अगस्त। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का माहौल कभी शांत रहे ऐसा हो ही नहीं सकता है। वर्ष 2000 से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के गठन से ही संघ में उठापटक का माहौल रहा है। नेतृत्वकर्ता अपनी जगह हमेशा स्थिर रहे पर उनके सहकर्मी इस खेमे से उस खेमे में होते रहे है। जिस तरह से राजनीति दल में दल-बदल होता है ठीक उसी तरह से खेमे और विचार भी बदलते रहते हैं। जब से मान्यता मिली है तब से यही देखा जा रहा है कि खेमा बदलने या विचार बदलने का सिलसिला साल भर तक शांत रहता है पर जब बीसीसीआई का घरेलू सीजन आता है तो शुरू हो जाता है। इसमें कौन गलत है और कौन सही है यह खेलढाबा.कॉम नहीं सकता है। खेलढाबा.कॉम आपको केवल हालात या माहौल के बारे में बता रहा है। ताजा मामला है ज्ञानेश्वर गौतम का।
ज्ञानेश्वर गौतम पिछले वर्ष बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के खेमे में थे। सीजन के शुरुआत में उसी खेमे में थे। सीजन के अंत में उनका राकेश कुमार तिवारी से विरोध शुरू हुआ और बयानों के तीर चलने लगे और अंतत: ज्ञानेश्वर गौतम को राकेश कुमार तिवारी के खेमे से बाहर कर दिया गया। पटना हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद विरोधी खेमा और मुखर हो गया है। ताजा मामला यह है कि ज्ञानेश्वर गौतम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के उस गुट के साथ हैं जिसका नेतृत्व शायद वर्ष 2022 के चुनाव में निर्वाचित सचिव अमित कुमार कर रहे हैं। उन्हें गर्वनिंग काउंसिल व बीसीएल का चेयरमैन बनाया गया है। ओम प्रकाश तिवारी ने इसका प्रभार उसे सौंपा है जिसका फोटो ज्ञानेश्वर गौतम ने खुद अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया है।
अब हम आपको पिछले वर्ष ले चलते हैं। पिछले वर्ष अमित कुमार के नेतृ्त्व वाली बीसीए पूरी तरह से सक्रिय था। रणजी की टीम भी बनी। ग्राउंड तक गई पर खेलने का मौका नहीं। इसे लेकर मीडिया में खूब खबरें आईं।

पिछले वर्ष अमित कुमार के नेतृत्व वाली बीसीए द्वारा चुनाव की घोषणा की गई थी। प्रक्रिया शुरू हो कर अपने अंतिम मुकाम की ओर था उसी समय इस खेमे में दरार आ गई। बीसीए के पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने अमित कुमार का साथ छोड़ा और राकेश कुमार तिवारी के साथ हो लिये। इस सुलह सफाई में राकेश कुमार तिवारी की ओर से ज्ञानेश्वर गौतम ने कड़ी का काम किया था। उस सुलह सफाई के पहले और बाद तक ज्ञानेश्वर गौतम ने अपने फेसबुक अकाउंट कई पोस्ट डाले थे जो इस ओर इंगित करते हैं।
सबसे मेजदार बात यह है कि पिछले सीजन के सितंबर महीने में इनके फेसबुक अकाउंट पर जिस सचिव को एक्स कहा गया था और वे उसी खेमे के गवर्निंग काउंसिल और बीसीएल के चेयरमैन के पद भार को ग्रहण किया है। इन सारे पोस्ट को आप ज्ञानेश्वर गौतम के फेसबुक अकाउंट पर जाकर देख सकते हैं।

खेलढाबा.कॉम इस खबर के जरिए न किसी को गलत ठहरा रहा है और न सही। बस आपके सामने दृश्य को रख रहा है। फैसला तो यहां क्रिकेट प्रेमियों को करना है क्या सही या गलत। कौन नैतिकता से लवरेज है या केवल नैतिकता का ढोल पीटता है। हालात जैसे पहले थे वैसे अब भी हैं पर लोगों के विचार बदलते रहे हैं। कुछ महीनों जो गलत थे वे सही हो गए हैं और जो सही थे उनकी नजर में गलत हो गए हैं।
लोगों को अपने भाषणों में नहीं कहते हैं कि खेल में राजनीति का प्रवेश न हो पर ऐसे कहने वाले खेल की ऐसी राजनीति करते हैं जिसकी कोई गरिमा नहीं होती है। सही गलत का फैसला आप क्रिकेट प्रेमी करें।