रांची। बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले और झारखंड की ओर से खेलने वाले शाहबाज नदीम ने अपना इंटरनेशनल विकेट हासिल कर लिया है। रांची के जेएससीए स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत तीसरे टेस्ट मैच में शाहबाज नदीम ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज टेम्बा बावूमा का विकेट हासिल किया। नदीम की गेंद को टेम्बा बावूमा समझ नहीं पाए और विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने बावूमा को स्टंप्स कर दिया।
शाहबाज नदीम को ‘चाइनामैन’ कुलदीप यादव के अनफिट होने के बाद भारतीय टीम में शामिल किया गया था। रांची के लोकल बॉय को अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट डेब्यू करने का शानदार मौका भी मिला, जिसे उन्होंने भुना लिया।
शाहबाज नदीम यहां तक पहुंचे, उसमें उनके बड़े भाई असद इकबाल का काफी बड़ा योगदान रहा है। यों कहें उन्हें अपने क्रिकेट कैरियर की कुर्बानी दी। बात यह है कि शाहबाज नदीम के पिता 17 साल पहले जब धनबाद में तैनात एक पुलिस अधिकारी थे तो उन्होंने अपने दोनों बेटों से कहा था कि उनमें से केवल एक ही खेल सकता है। पिता नहीं चाहते थे कि दोनों किसी ऐसी चीज का पीछा करते हुए अपने जीवन को खतरे में डाल दें, जो सुरक्षित भविष्य की गारंटी नहीं दे।
शाहबाज के पिता ने बताया कि उसके बड़े भाई असद बिहार के अंडर-15 टीम के कप्तान थे इसके बावजूद उसने शाहबाज को खेलने देने के लिए मुझे मनाया और खुद इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और आज दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत हैं। शाहबाज के पिता को उम्मीद नहीं थी कि विराट कोहली की कप्तानी वाली टेस्ट टीम में उनके बेटे को टेस्ट कैप मिलेगी। इसलिए वह अपनी बेटी के रुटीन चैकअप के लिए चंडीगढ़ से रवाना हुए।
इधर शाहबाज नदीम ने जब रांची टेस्ट मैच में अपना इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया, तो उनके बड़े भाई असद इकबाल दिल्ली के एक निजी अस्पताल में थे, जहां उनकी पत्नी फरिहा की सिस्ट हटाने की माइनर सर्जरी चल रही थी।