भागलपुर। बिहार के स्टार क्रिकेटर भागलपुर के रहने वाले मो रहमतउल्लाह ने पेशेवर क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इस संबंध में उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट भी डाला है। खबर है कि अब वे कोच की भूमिका में नजर आयेंगे। भागलपुर जिला क्रिकेट जगत के सूत्रों के अनुसार मो रहमतुल्लाह को भागलपुर जिला हेमन ट्रॉफी टीम का हेड कोच बनाया गया है।
मो रहमतुल्लाह के फेसबुक वॉल पर डाला गया पोस्ट यह है
समय आ गया है कुछ कड़े फैसले लेने का जैसा पहले किया था….
अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया…. यह मेरे लिए एक अप्रत्याशित यात्रा थी … और मैं अपनी दूसरी पारी शुरू करने के लिए तैयार हूं। मैंने पेशेवर क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया.. मेरे कठिन समय में मेरा समर्थन और प्यार करने वाले सभी को धन्यवाद …

रहमतुल्लाह ने 17 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। 17 मैचों की 26 इनिंग में चार बार वे नाबाद रहे हैं। कुल 1070 रन बनाये हैं जिसमें पांच शतक और चार अर्धशतक शामिल है। लिस्ट ए के भी 17 मैच खेले हैं इसमें तीन बार नाबाद रहे हैं। कुल 521 रन बनाये। उच्चतम स्कोर नाबाद 156 का है। एक शतक और तीन अर्धशतक जमाए हैं। 16टी-20 मैचों में दो बार नाबाद रहे हैं। उच्चतम स्कोर 64 है। एक अर्धशतक भी शामिल है।
एक फरवरी 2018 को उन्होंने अपना पहला फर्स्ट क्लास उत्तराखंड के खिलाफ खेला था। उन्होंने अपना अंतिम फर्स्ट क्लास मैच सिक्किम के खिलाफ 2020 में खेला है।
गौरतलब है कि भागलपुर शहर के बरहपुरा के रहने रहमतउल्लाह उर्फ शाहरुख ने बिहार में क्रिकेट का माहौल लौटने के बाद छह साल के बाद बल्ला थामा था।
रहमतुल्लाह की उम्र जब दो साल थी तब उनके पिताजी का इंतकाल हो गया। उसके बाद बड़े भाई ने घर को संभाला। रहमतुल्लाह छह भाई व दो बहनों में वे सबसे छोटे हैं। दो भाई भी क्रिकेटर रहे हैं। पत्नी सबा कुद्दुस के बीमार होने पर रहमतुल्लाह ने क्रिकेट छोड़ दी थी। लेकिन उनके कहने पर ही फिर बल्ला थामा। रहमत कहते हैं- पत्नी के कहे शब्द- मैं तो कुछ दिन की मेहमान हूं। मरना तय है। आप फिर से खेलो, क्रिकेट की ऊंचाई चूमो। शायद मेरी आत्मा को शांति मिले.. से प्रेरित होकर दोबारा मैदान में उतरे।





