राहुल यादव
आज हम आपको बिहार के एक ऐसे क्रिकेटर की कहानी बताने जा रहे है जिसका उदय देर से हुआ पर तेज हुआ। उदय होने के लिए इसे मौका ही नहीं मिल रहा था पर जब मौका मिला तो अपनी तेज रोशनी से पूरे बिहार क्रिकेट जगत को प्रफुल्लित कर दिया। इस क्रिकेटर का नाम है सूर्य वंश। सूर्य वंश जिसे लोग सूर्य वंशम के नाम से भी पुकारते हैं। भागलपुर के रहने वाले इस क्रिकेटर ने बीसीसीआई के अपने पहले घरेलू मैच में संकट की घड़ी में जलवा बिखरते हुए अर्धशतकीय पारी खेली है। विजय हजारे ट्रॉफी के अंतर्गत बिहार बनाम गोवा मैच में सूर्य वंश ने 63 रन बनाये। सूर्य वंश की कहानी बता रहे हैं हमारे संवाददाता राहुल यादव।
सूर्य वंश के पिता पिताजी एक किसान थे। सूर्यवंशम का जन्म सुल्तानगंज में हुआ। वह बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौकिन था, लेकिन समय और हालात हर इंसान को बदल देता है। सूर्यवंशम जब करीब 12 साल का हुआ तो उनके घर की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई। जिसके वजह उनके पिताजी रोजी रोजगार के लिए पंजाब चले गए। वे वहां एक प्राइवेट कंपनी में जाकर काम करने लगे। कुछ दिन के बाद पंजाब में ही धीरे-धीरे सारे परिवार लोग रहने लगे पर गांव में सिर्फ दादी मां और चाचा जी रहने थे। सूर्यवंशम कुछ दिन दादी मां के साथ रहा पर उनकी मां को मन लगा तो सूर्यवंशम को लेकर पंजाब चले गए। सूर्यवंशम पंजाब में रहकर ही पढ़ाई शुरू दी। बगल में है ही एक क्रिकेट एकेडमी चलती। सूर्यवंशम वहां जाकर ट्रेनिंग लेने लगे। पंजाब में काफी अच्छा क्रिकेट खेलने लगे। वहां के कुछ अधिकारी ने उनका रजिस्ट्रेशन एक क्लब में करा दिया। जब बिहार को मान्यता नहीं था तो दूसरे अन्य क्रिकेटरों की तरह सूर्यवंशम भी दूसरे राज्य से क्रिकेट खेल रहे थे। बिहार में क्रिकेट की मान्यता आई तो तो सूर्यवंश अपने जिला भागलपुर लौट आये।
भागलपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट लीग में उन्होंने यू सी सी क्रिकेट क्लब से खेलना प्रारंभ किया। जब U 19 डिस्ट्रिक्ट टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला। काफी बढ़िया प्रदर्शन किया पर आगे मौका नहीं मिलने के कारण निराश हो चुका था। सीनियर प्लेयरों ने दिलासा दिलाई और कहा कि तुम लंबी रेस का घोड़ा हो, घबराओ नहीं हिम्मत रखो। सूर्यवंशम हमेशा कहते रहे हैं कि रहमतुल्लाह (शाहरुख), वासुकीनाथ, विकास यादव और मेहताब मेहंदी जैसे कई सीनियर प्लेयरों ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया।
कुछ दिनों बाद सूर्यवंश भागलपुर क्रिकेट एकेडमी में खेलने लगे। कोच सुबीर मुखर्जी की देखरेख में लीग और छोटे-मोटे टूर्नामेंट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। पिछले सत्र में आयोजित हेमन ट्रॉफी टूर्नामेंट में सूर्यवंश ने शानदार बल्लेबाजी कर बिहार टीम में अपनी दावेदारी पेश कर दी थी। मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 में खेलने वाली बिहार टीम में चयन नहीं होने के बाद सूर्यवंशम निराश थे पर फिर हौसला सीनियरों और सुबीर मुखर्जी ने बढ़ाया। आखिर विजय हजारे ट्रॉफी की बिहार टीम में सूर्यवंश का मौका मिला और उसने अपनी प्रतिभा दिखा दी।
टीम रवानगी से पूरे न केवल भागलपुर क्रिकेट जगत बल्कि पूरे भागलपुरवासियों व बिहार के क्रिकेट प्रेमियों ने पूरी टीम समेत सूर्य वंश को जीत शुभकामना दी थी। हम सभी भागलपुर वासियों की यही कामना है कि सूर्य वंश का तेज हमेशा बरकरार रहे।