पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन(बीसीए) के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने आज बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से बात की और कहा कि बिहार में कुछ लोगों द्वारा विवाद एक साज़िश के तहत दिखलाया जा रहा है। श्री तिवारी ने पुरे मामले को विस्तार से बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली के समक्ष रखा तथा बिहार के मामले को लेकर बीसीसीआई की लीगल टीम भेजने का आग्रह किया।
जिसे बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने स्वीकार कर लिया। श्री तिवारी ने कहा कि बीसीए से जुड़े मामले की बीसीसीआई स्तर से जाँच की जाएगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि खेल की गतिविधियां बीसीए द्वारा पूर्वत चलते रहेगा।
दूसरी ओर बीसीए प्रवक्ता एवं अध्यक्ष के मीडिया सलहाकार संजीव कुमार मिश्र ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में बीसीसीआई की लीगल टीम की आने की संभावना हैं। श्री मिश्र ने कहा कि बीसीसीआई की लीगल टीम आने के पूर्व अपेक्षति सभी मीडिया प्रतिनिधियों को अवगत करा दिया जायेगा।
गौरतलब है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अभी दो गुटों में बंटा है। एक गुट निर्वाचित अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का है। इस गुट के साथ निर्वाचित सदस्यों के उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और जिला प्रतिनिधि हैं। आरा में हुए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के एजीएम में निर्वाचित सचिव संजय कुमार को निकाल दिया गया है।
दूसरा गुट निर्वाचित सचिव संजय कुमार का है। इसके अध्यक्ष प्रेमरंजन पटेल हैं। इस गुट के द्वारा निर्वाचित अध्यक्ष और संयुक्त सचिव को निकाल दिया गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अहमदाबाद में हुए एजीएम व चुनाव में बिहार का प्रतिनिधित्व अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने किया है। इस पर निर्वाचित सचिव संजय कुमार ने पहले आपत्ति दर्ज की थी जिस पर बीसीसीआई ने कहा था कि अभी कोर्ट से कोई फैसला नहीं आया है इसीलिए आपकी आपत्ति रद्द की जाती है।
दोनों गुटों ने अपनी-अपनी गतिविधियां अलग-अलग कराई थीं। दोनों गुटों के जिला यूनिटों में भी अंतर हैं। बहुत सारे जिलों में सामांतर यूनिट है।
मुश्ताक अली ट्रॉफी टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में टीम भेजने को लेकर दोनों गुट अपने-अपने दावे कर रहे हैं। दोनों ने अपनी-अपनी टीम भी घोषित कर दी है। बीसीसीआई ने किसे ऑथरिटी दी है इसका दावा खेलढाबा.कॉम नहीं करता है।




