पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव का बिगुल एक बार फिर बज चुका है। चुनावी समर के पहले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (गोपाल बोहरा गुट) के सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने एक मैसेज बीसीए-डीसीए व्हाटशएप ग्रुप पर डाला है जिसमें बिहार क्रिकेट की बढ़ोत्तरी चाहने वालों से अपील है कि सारे गिले शिकबे बुला कर बिहार क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए मिल बैठकर और बातचीत कर सर्वसम्मत से चुनावी निर्णय लिया जाए।
खेलढाबा.कॉम को उस मैसेज को हू-ब-हू आपके सामने पेश कर रहा है। यह मैसेज सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सभी पूर्ण जिला संघों के सभी सम्मानित पदाधिकारीगण
चुनाव चाहे देश/राज्य का हो या किसी संगठन का हो, चुनाव में संघर्ष और विमर्श का दौर अंतिम घड़ी तक चलता रहता है, और यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है । बीसीए के लिए भी हो रहा चुनाव इससे अछूता नहीं रहेगा, क्योंकि गलतफहमी उतपन्न करने वालों की कमी नहीं है ।
जहां तक बीसीए के चुनाव का सवाल है तो, इस प्रकार के चुनाव में अपनों के बीच हीं चुनावी संघर्ष की स्थिति बन जाती है, लेकिन इस संघर्ष के बीच भी अगर स्वच्छ मनोभाव से विमर्श किया जाए तो , संबंधो में कड़वाहट लाए बगैर निर्णय की स्थिति में आया जा सकता है। हमारे बीच गलतफहमी पैदा कर अपनी रोटी सेंकने वालों की कमी नहीं है, और ऐसा भी नहीं है कि आप सब उनलोगों से अनभिज्ञ हैं।
जहां तक मेरे चुनाव लड़ने का सवाल है तो यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैं चुनाव के लिए नामांकन नहीं करने जा रहा हूं।
मेरे इस निर्णय से कुछ तथाकथित विद्वानों को असीम प्रसन्नता होगी, और होनी भी चाहिए, क्योंकि चुनाव से पूर्व केवल रविशंकर प्रसाद सिंह के विरोध की कवायद की जा रही थी,
यह कोई दलीय चुनाव नहीं है, हमसबों ने एकसाथ मिलकर बिहार क्रिकेट के लिए अनेक ऐसे परिणाम प्राप्त किए हैं, जिसे बिहार क्रिकेट के इतिहास से कोई मिटा नहीं सकता।
और यह सब हमसबों के समेकित प्रयास का हीं फलाफल है। कौन योग्य है, कौन अयोग्य है, कौन जीतेगा और कौन हार जाएगा, यह भविष्य की बात है, लेकिन एक बात जो बिलकुल स्पष्ट है कि बिहार क्रिकेट की गाथा जब भी लिखी जाएगी, वर्तमान के जिला संघो के पदाधिकारीगण, बिहार राज्य संघ के पदाधिकारियों और राज्य के सभी जिलों के पूर्व क्रिकेटरों, क्रिकेट से जुड़े लोग, जिन्होंने आभाव में रह कर 18 वर्षों तक बिहार में क्रिकेट को जीवित रखने का काम किया, उनका उल्लेख किए बगैर बिहार क्रिकेट का इतिहास पूर्ण नहीं होगा। हां उन कलंकों की भी चर्चा होगी जिनके कारण बिहार 18 वर्ष तक वनवास के दौर में रहा, हाल के दिनों तक बिहार में क्रिकेट नहीं हो इसका प्रयास करते रहे हैं और अभी भी उनका प्रयास जारी है।
आज समय है बिहार क्रिकेट में एक नये अध्याय के शुरुआत की, कौन योग्य है कौन अयोग्य है, इससे अलग होकर आप सभी लोग एक जुट होकर बिहार क्रिकेट के एक नये संस्करण की शुरुआत किजीए।
मैं जब तक आप सबों के साथ कार्य किया, मेरा प्रयास रहा कि सबों को साथ लेकर चला जाय, लेकिन अगर मेरे साथ कार्य करने के दौरान अगर मुझसे अनजाने में कोई भूल हो गई हो, तो उसे आप सब अपने ह्रदय से निकाल देंगे।
आप सब बिहार क्रिकेट के भविष्य हैं, आप सबमें सोच समझकर, मिल बैठकर निर्णय लेने की क्षमता है।
कुछ ऐसा न हो जाय जो भविष्य में आप सबों और बिहार क्रिकेट के लिए दु:खों का कारण बन जाय,
धन्यवाद
सभी के साथ व्यक्तिगत संबंध जारी रहेंगे।
शुभकामनाएं
बिहार क्रिकेट के स्वर्णिम भविष्य की अपेक्षा में
रविशंकर।
और यह सब हमसबों के समेकित प्रयास का हीं फलाफल है। कौन योग्य है, कौन अयोग्य है, कौन जीतेगा और कौन हार जाएगा, यह भविष्य की बात है, लेकिन एक बात जो बिलकुल स्पष्ट है कि बिहार क्रिकेट की गाथा जब भी लिखी जाएगी, वर्तमान के जिला संघो के पदाधिकारीगण, बिहार राज्य संघ के पदाधिकारियों और राज्य के सभी जिलों के पूर्व क्रिकेटरों, क्रिकेट से जुड़े लोग, जिन्होंने आभाव में रह कर 18 वर्षों तक बिहार में क्रिकेट को जीवित रखने का काम किया, उनका उल्लेख किए बगैर बिहार क्रिकेट का इतिहास पूर्ण नहीं होगा। हां उन कलंकों की भी चर्चा होगी जिनके कारण बिहार 18 वर्ष तक वनवास के दौर में रहा, हाल के दिनों तक बिहार में क्रिकेट नहीं हो इसका प्रयास करते रहे हैं और अभी भी उनका प्रयास जारी है।
आज समय है बिहार क्रिकेट में एक नये अध्याय के शुरुआत की, कौन योग्य है कौन अयोग्य है, इससे अलग होकर आप सभी लोग एक जुट होकर बिहार क्रिकेट के एक नये संस्करण की शुरुआत किजीए।
मैं जब तक आप सबों के साथ कार्य किया, मेरा प्रयास रहा कि सबों को साथ लेकर चला जाय, लेकिन अगर मेरे साथ कार्य करने के दौरान अगर मुझसे अनजाने में कोई भूल हो गई हो, तो उसे आप सब अपने ह्रदय से निकाल देंगे।
आप सब बिहार क्रिकेट के भविष्य हैं, आप सबमें सोच समझकर, मिल बैठकर निर्णय लेने की क्षमता है।
कुछ ऐसा न हो जाय जो भविष्य में आप सबों और बिहार क्रिकेट के लिए दु:खों का कारण बन जाय,
धन्यवाद
सभी के साथ व्यक्तिगत संबंध जारी रहेंगे।
शुभकामनाएं
बिहार क्रिकेट के स्वर्णिम भविष्य की अपेक्षा में
रविशंकर।