पटना। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हुए लॉकडाउन के चलते अन्य रोगों से ग्रसित रोगियों को काफी परेशानियां का सामना करना पड़ा है। सरकारी से प्राइवेट अस्पताल में उन पर या तो ध्यान नहीं दिया जा रहा है या उन्हें यह कह कर लौटा दिया रहा है कि लॉकडाउन के बाद आइए। अस्पतालों के इस रवैए का शिकार बिहार का एक रग्बी खिलाड़ी भी हो गया है।
कौशल कुमार मधेपुरा के मठाई गांव के रहने वाले हैं। उन्हें एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान कमर में गंभीर चोट लगी थी। वे इधर-उधर इलाज किया जो उनके लिए हानिकारक हो गया। बाद में जब आईजीआईएमएस में इलाज कराया तो पता चला कि बोन कैंसर हो गया है। आईजीआईएमएस में बोला गया कि अभी दस दिन तक एडमिट नहीं किया जायेगा।
इसके बाद कौशल कुमार 10 फरवरी को दिल्ली चले गए। वहां एम्स दिल्ली में दिखाया। सारी जांच प्रक्रिया 22 मार्च को खत्म हो गया। एक जांच और बच गया जो एडमिट होने के बाद किया जाता पर डॉक्टरों ने कहा कि इसे करा लीजिए और 30 अप्रैल को आइए। 30 March को गये तो मिला अभी लॉकडाउन चल रहा है और अब 14 अप्रैल को आइए और दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था कर लीजिएगा। फिर कौशल कुमार 16 अप्रैल को गए तो संबंधित विभाग के कर्मचारियों से डॉक्टरों से नहीं मिलने दिया और कहा कि अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद आइएगा। कौशल ने अपने वर्तमान सांसद से लेकर पूर्व सांसद तक गुहार लगाई, कई राजनेताओं को फोन किया पर अभी तक कोई सहायता नहीं मिल पाई है। इलाज में उसका सारा पैसा भी खत्म हो चुका है। निजी अस्पताल में भी इलाज नहीं करा सकता है, क्योंकि उतने पैसे नहीं है। अभी वह इलाके के ही एक व्यक्ति के पास ठहरा हुआ और बेवस है।