पटना। बिहार क्रिकेट का जाना पहचाना नाम एवं पटना क्रिकेट जगत के कुशल प्रशासक व खिलाड़ियों के ह्यदय में बसने वाले रहबर आबदीन द्वारा बिहार क्रिकेट को स्वच्छ एवं पारदर्शी बनाने के लिए छेड़ी गई मुहिम को बिहार क्रिकेट के ‘भीष्म पितामह’ तथा पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कोच अधिकारी मदन मोहन प्रसाद का आशीर्वाद प्राप्त हो गया है।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के गैर संवैधानिक कार्यों को लेकर रहबर आबदीन द्वारा उठाए गए विभिन्न सवाल पर क्रिकेट के कई प्रशासक उनके साथ उतरते दिख रहे हैं।
बिहार क्रिकेट को नई दिशा देने के लिए संकल्पित रहबर आबदीन द्वारा किये गए शंखनाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारी मदन मोहन प्रसाद ने खेलढाबा से विशेष बातचीत में कहा कि रहबर आबदीन खुद एक क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं और उन्हें क्रिकेट खेल के मैदान का चौतरफा अनुभव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि रहबर आबदीन द्वारा उठाया गया सवाल सौ प्रतिशत जायज है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन जिला संघों के साथ राजनीति कर रहा है और बीसीए अपनी सुविधा अनुसार जिलों को चिन्हित कर अपने फायदे के लिए जिलों के अंदर तदर्थ समिति का गठन कर क्रिकेट के सफल संचालन में लगातार बाधा उत्पन्न कर रहा है और लंबे समय तक एडहॉक कमेटी को बनाए रख कर नौनिहाल क्रिकेटरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में जुटा है जो सरासर खिलाड़ियों के साथ अन्याय है।
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पूर्व अंतरराष्ट्रीय कोच अधिकारी एमएम प्रसाद ने कहा कि रहबर आबदीन का क्रिकेट की भलाई के लिए खुल कर सामने आना उनके लंबे समय के प्रशासकीय अनुभव और क्षमता को दर्शाता है। बिहार का खेल जगत जानता है कि रहबर आबदीन का अपना कोई निजी व पारवारिक स्वार्थ नहीं है। वे नित्य दिन पटना समेत संपूर्ण बिहार क्रिकेट की प्रगति चाहते हैं और उसके लिए अबतक क्रिकेट के प्रत्येक क्षेत्र में काम करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बीसीए की सत्ता में ऐन केन प्रकारेण वैसे लोग काबिज हो गए हैं जिन्हें क्रिकेट का ककहरा तक मालूम नहीं है। उन्होंने कहा कि जो आदमी अपने निजी घर से निकल कर क्रिकेट के मैदान की यात्रा तय नहीं कर सकता है वह क्रिकेट को प्रगति की राह पर ले जाने की बात करता है। ऐसे बिहार क्रिकेट का गला घोंटने वाले को अब किसी भी कीमत बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि रहबर आबदीन द्वारा उठाए गए सभी बिंदु बिहार क्रिकेट के हित में हैं। यह बिहार क्रिकेट के लिए सही समय है कि बिहार क्रिकेट की हित बात करने वाले सारे लोग एकजुट हों और बीसीए में हो रहे गलत कार्यों के विरोध में जो शंखनाद हुआ उसमें शामिल हों।