पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय कुमार ने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लोकपाल अपनी पद की गरिमा को भूल चुके हैं तभी तो ऐसे फैसले आ रहे हैं।
उन्होंने पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव मामले पर लोकपाल दिये गए फैसले की निंदा करते हुए कहा कि लोकपाल के पास महीनों से कई मामले पड़े हैं पर उस पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। लगभग 13 जिलों के मामले लोकपाल के पास महीनों से पेंडिंग पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन के मामले में जिस तरीके से तत्परता दिखाई जा रही है वह निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव मनोज कुमार ने जिला प्रतिनिधि प्रमुख संजय कुमार सिंह को लेकर लगभग तीन-चार महीने पहले अपनी शिकायत दर्ज की पर उस पर अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं किया गया ऐसा क्यों। न्याय सब के लिए बराबरी का होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के द्वारा दायर मुकदमों में एक दिन में ही आदेश उनके पक्ष में ही दे दिया जाता है जबकि जिलों के द्वारा दायर लगभग 13-14 मामले लगभग 2 सालों से लम्बित है, कई मामले 6-8 महीनों से लम्बित हैं, एक मामला तो निष्फल (Infructuous) हो गया। आश्चर्य की बात यह है कि एक मामले में BCA वादी के केस को मान लिया जबकि उस वादी के खिलाफ एजीएम का निर्णय है।
उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष का क्रिया कलाप अगर ऐसे ही चलता रहा तो कई जिलों के मामले में ऐसा ही एकतरफा निर्णय आयेगा। जो जिला संघ अध्यक्ष के क्रिया कलापों पर सवाल खड़ा रहेगा उसके खिलाफ ऐसे ही निर्णय लिये जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले मेरे साथ अन्याय हुआ, उसके बाद संयुक्त सचिव के साथ। उसके बाद कई अन्य के साथ। अध्यक्ष द्वारा लिये जा रहे असंवैधानिक निर्णय बर्दाश्त की सीमा से पार हो चुका है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमें न्याय मिलेगा। साथ ही अध्यक्ष के क्रिया कलापों के खिलाफ अब आंदोलन होगा।