
प्रभाकर नंदन प्रसाद
पटना। योग और तैराकी में अन्योन्याश्रय संबंध है और इस बारे में आपको बता रहे हैं तैराकी कोच सह बिहार तैराकी संघ के उपाध्यक्ष प्रभाकर नंदन प्रसाद। प्रभाकर नंदन प्रसाद ने बिहार में तैराकी का उजाला फैलाया है।



1.एकाग्रता में बृद्धि :
योग के अभ्यास करने से तैराकी की तकनीक और टाइम स्कोर को बेहतर बनाने में मदद मिलती है एवं उसके के साथ- साथ मांसपेशियों के तनाव में राहत देती है और सबसे खास बात यह है कि मनुष्य के मष्तिष्क से एंडोर्फिन्स होर्मोनेस का स्राव सही ढंग से होने लगता है जो कि ख़ुशी महसूस होने के लिए एक आवयशक कारक है। योग के नियमित अभ्यास करने से इमोशंस और मूड दोनों बेहतर होते है। .
मन और शरीर की जागरूकता के साथ इसे जोड़े तो मानसिक एकाग्रता में बढ़ोतरी होता है। .अच्छे एवं स्वस्थ मन: स्थिति ना सिर्फ तरणताल में बल्कि जीवन के हर छेत्र में भी बहुत मदद करेगा।



2.श्वसन प्रणाली एवं इसके रिदम ( तालमेल ) को बनाये रखता है
अपनी स्विमिंग तकनीक और छमता को बेहतर करने के लिए श्वसन प्रणाली को स्विमिंग स्ट्रोक के साथ तालमेल बनाये रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस प्रकार तैराकी योग से बिलकुल मिलता- जुलता है इसलिए योग तैराकी के पूरक है। .ये सर्वविदित एवं सर्वमान्य है कि योग तन एवं मन के एकाग्रता के विकास के लिए इतना महत्वपूर्ण है कि इन दोनों को साथ- साथ अपनाने से चमत्कार हो सकता है।


3.शरीर का लचीलापन बढ़ना
जब तैराकी का अभ्यास किया जाता हैं तो एक ही स्टाइल में मानव शरीर का एक ही प्रकार से हाँथ ,पैर एवं गर्दन एवं शरीर के अन्य अंगों का संचालन बार- बार नियमित रूप से होता जाता है जिसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव एवं जकड़न बढ़ सकती है। ये प्रक्रिया शरीर के विकास में बाधक बन सकती है।
योग में विभिन्न क्रियाओ एवं मुद्राओं से मांसपेशियों में तनाव को ख़त्म करने में सहायक की भूमिका निभा सकता है । शरीर के अंगों मसलन हाँथ एवं पैर के मूवमेंट के विस्तार में उतरोतर वृद्धि होने लगती है। शरीर के मांसपेशियों एवं जोड़ो में शक्ति मिलती है एवं लचीलापन बना रहता है जिससे तैराकी के दौरान चोट लगने एवं क्रैम्प पड़ने की शिकायत कम होती है।
योग का अभ्यास करने से सिर्फ शरीर के मांसपेशियां ही स्ट्रेच आउट नहीं होते है , बल्कि ये छोटे- छोटे मांसपेशियों के समूह को भी मजबूत करने में बहुत मदद करता है जिससे कि स्विमिंग करने में बहुत लाभ एवं आराम मिलता है। योग करने से शारीरिक संतुलन , श्वसन छमता और शरीर के कार्यप्रणाली में सुधार होता है।
दुनियां के जितने दिग्गज तैराक हुए हैं चाहे वो मिहिर सेन हों या माइकल फेल्प्स, सभी ने योग एवं प्राणायाम को अपने दिनचर्या में शामिल करके तैराकी की दुनिया में कीर्तिमान स्थापित किया है। इसलिए हम कह सकते हैं कि योग एवं तैराकी एक दूसरे के पूरक हैं एवं योग तैराकी के लिए अत्यावश्यक है।

