बेंगलुरू, 13 नवंबर। भारतीय महिला टेनिस टीम शुक्रवार से यहां शुरू हो रहे बिली जीन किंग कप प्ले-ऑफ में क्वालीफायर दौर में प्रवेश का सपना लेकर कोर्ट पर उतरेगी। टीम का लक्ष्य घरेलू सरजमीं पर नीदरलैंड और स्लोवेनिया जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर 2026 के क्वालीफायर्स में जगह पक्की करना है।
महिला खेलों के लिए एक और बड़ा मौका
भारत इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की पहली बार मेजबानी कर रहा है। पूरे देश में महिला क्रिकेट टीम की हालिया विश्व कप जीत का उत्साह अभी बरकरार है, ऐसे में अगर महिला टेनिस टीम भी क्वालीफायर में जगह बना लेती है तो यह भारत में महिला खेलों के लिए एक और गौरवपूर्ण पल होगा।
भारतीय टीम की अगुवाई करेंगी सहजा यमलापल्ली
भारतीय टीम में सहजा यमलापल्ली, श्रीवल्ली भामिदीपती, अंकिता रैना, रिया भाटिया और प्रार्थना थोम्बरे शामिल हैं। भारत ग्रुप जी में नीदरलैंड और स्लोवेनिया के साथ खेल रहा है। शुक्रवार को नीदरलैंड और स्लोवेनिया आमने-सामने होंगे, जबकि भारत अपना पहला मुकाबला शनिवार को स्लोवेनिया से और दूसरा रविवार को सातवीं वरीयता प्राप्त नीदरलैंड से खेलेगा। ग्रुप की शीर्ष टीम 2026 के क्वालीफायर दौर में प्रवेश करेगी, जबकि बाकी दो टीमें क्षेत्रीय ग्रुप-1 में लौट जाएंगी।

सहजा पर टिकी हैं उम्मीदें
भारत की नंबर-1 और विश्व रैंकिंग में 309वीं खिलाड़ी सहजा यमलापल्ली इस अभियान में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद होंगी। उन्होंने हाल ही में मैक्सिको में डब्ल्यूटीए 125 टूर्नामेंट में अमेरिकी ओपन चैंपियन स्लोएन स्टीफंस को हराया था। अब वह नीदरलैंड की विश्व में 87वीं वरीयता प्राप्त सुजान लामेंस के खिलाफ भी इसी आत्मविश्वास के साथ उतरेंगी। सहजा ने चेन्नई ओपन में भी शानदार प्रदर्शन किया था, जहां वह एकल के क्वार्टर फाइनल और युगल वर्ग के फाइनल तक पहुंची थीं।
मजबूत प्रतिद्वंद्वी, लेकिन आत्मविश्वास बरकरार
नीदरलैंड की टीम में अरांताक्सा रुस और युगल विशेषज्ञ डेमी शूर्स जैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल हैं। वहीं स्लोवेनिया की टीम का नेतृत्व फ्रेंच ओपन सेमीफाइनलिस्ट तमारा जिदानसेक करेंगी। भारतीय टीम के कोच विशाल उप्पल ने कहा कि हमने अपने से ऊंची रैंकिंग वाली टीमों को हराकर प्लेऑफ में जगह बनाई है। खिलाड़ी अच्छी लय में हैं। हमारा फोकस प्रक्रिया पर है और हम मानसिक रूप से तैयार हैं कठिन मुकाबलों के लिए।
भारत की ऐतिहासिक दहलीज पर एक और कदम
भारत इससे पहले 2021 में लाटविया के खिलाफ प्लेऑफ में उतरा था, लेकिन हार गया था। इस बार घरेलू परिस्थितियों में टीम के पास इतिहास बदलने का मौका है। अगर भारतीय खिलाड़ी लय में रहे, तो यह जीत न सिर्फ देश के टेनिस इतिहास में नई इबारत लिखेगी, बल्कि महिला खेलों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।