मधुबनी, 31 मई। मधुबनी जिला और बिहार क्रिकेट जगत के लिए शुक्रवार की रात बहुत हृदय विदारक गुजरी क्योंकि बेनीपट्टी और धकजरी के बीच हुई टेम्पो तथा मोटरसाइकिल के बीच हुई टक्कर में जिला क्रिकेट संघ तथा बिहार क्रिकेट की दुनिया में अपने अंपायरिंग से ख्याति प्राप्त अंपायर सुरेन्द्र नारायण सिंह का निधन हो गया।
स्व. सुरेन्द्र जी वर्तमान में मधुबनी जिला क्रिकेट संचालन समिति के सदस्य थे। इससे पहले वे मधुबनी जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष के पद पर भी निर्वाचित हो चुके थे।
मधुबनी जिला क्रिकेट संघ के सचिव काली चरण ने बताया कि वे शुरुआती दौर से ही अपना जीवन क्रिकेट को समर्पित कर चुके थे। क्रिकेट से प्रेम के कारण उन्होंने शादी तक नहीं की थी। काली चरण ने बताया कि सुरेन्द्र जी के अचानक हमलोगों को छोड़ कर चले जाने से मधुबनी जिला क्रिकेट संघ सहित समस्त क्रिकेट जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। जिले अथवा बिहार में कहीं भी मैच हो वहां सुरेन्द्र जी अंपायर, पदाधिकारी या कार्यकर्ता के रूप में निश्चित रूप से नजर आ जाते। वे काफी मिलनसार व्यक्ति थे। सुरेंद्र नारायण सिंह वे टेम्पो से बेनीपट्टी रात्रि मैच के कार्यक्रम में ही जा रहे थे।
सुरेन्द्र जी का पैतृक घर मधुबनी जिला के नवटोल (भराम) में है। उनकी मृत्यु की खबर से समस्त बिहार के क्रिकेट प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गयी। मधुबनी जिला के बहुत सारे खेल प्रेमी इस खबर को सुनते ही उनके अंतिम दर्शन हेतु नवटोल उनके घर पहुंच गये जिनमें काली चरण, नवीन गुप्ता, शशि शेखर, श्रवण झा, बिनोद दत्ता, गौरव पम्मी, दिलीप झा, अंशु, संजीव कुमार सिंह, अनिल कुमार, मिहीर झा, रवीन्द्र नारायण सिंह, बेचन चौपाल, रमेश गुप्ता, राहुल मेहता, कादिर, राहुल स्पार्टन, नवनीत, संतोष झा, पुष्पक आदि प्रमुख थे। तदर्थ समिति के सदस्य ओंकारनाथ ने सुरेंद्र नारायण सिंह के निधन को अपना व्यक्तिगत क्षति बताया और कहा कि इसकी भरपाई मुश्किल है।
बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी सहित सभी पदाधिकारियों ने शोक प्रकट किया और परिवार को सांत्वना प्रदान किया।
क्रिकेट के साथ साथ सुरेन्द्र नारायण सिंह एक जाने माने स्वतंत्र पत्रकार भी थे। वे झंझारपुर के भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी थे साथ ही भाजपा के एक समर्पित कार्यकर्ता थे।