पटना। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट सत्र 2023-24 के शेड्यूल के घोषणा के बाद बिहार समेत सभी राज्यों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। राकेश कुमार तिवारी (अध्यक्ष) के नेतृत्व वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने अपनी टीम की प्रतिभागिता के लिए कैंप से लेकर मैचों का शेड्यूल जारी किया है। इसके लिए बीसीए ने प्लेयरों का लिस्ट भी जारी किया। इन लिस्टों के जारी होते ही बीसीए की सेलेक्शन प्रक्रिया पर गैरों को तो छोड़िए अपनों ने भी सवाल कर बीसीए को घटखरे में खड़ा कर दिया है।
पहले हम बात करते हैं कि सीनियर व अंडर-23 लिस्ट की। इसमें बैटिंग,कीपिंग और बालिंग में कुल 71 प्लेयरों का लिस्ट बीसीए ने अपने बेवसाइट पर डाला। इस लिस्ट के पब्लिक डोमन में आते ही बवाल मैच गया। सोशल मीडिया से लेकर बीसीए के इंटरनल व्हाटशअप ग्रुप में सवालों चौके-छक्के लगने शुरू हो गए हैं। टीम चयन को लेकर बीसीए के जीएम क्रिकेट ऑपरेशन पर सवालों के बौछार हुए। इन बौछारों के बीच बीसीए टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक ने अपना दामन बचाते हुए सफाई देते नजर आये। लोग सवाल कर रहे थे कि आपने ही कहा था कि जिसका बल्ला बोलेगा, वही खेलेगा तो इस खिलाड़ी का बल्ला कहां बोला जो टीम लिस्ट में नाम आ गया बताने का कष्ट करें। इस पर सबों की बोलती बंद हो गई।
रणधीर वर्मा अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के बल्लेबाजों का लेखा-जोखा
सीनियर टीम के चयन पर उठ रहे सवाल अभी थमने का नाम ही ले रहा था कि अंडर-19 सुपर लीग के लिए 8 जोन का रेस्ट ऑफ जोन टीम घोषित हो गया। इस लिस्ट के घोषित होने के बाद विरोध के स्वर और मुखर हो गए। बीसीए टूर्नामेंट कमेटी के सदस्य विनय कुमार झा ने अपने फेसबुक वॉल पर पूरा डाटा अपलोड करते हुए जीएम क्रिकेट ऑपरेशन को कटघरे में खड़ा किया और लिखा कि और बनवायें एकेडमी चलाने वालों से लिस्ट, लेकिन उन्होंने अपने पोस्ट में एकेडमी चलाने वाले का नाम उजागर नहीं किया।
अंडर-19 का लिस्ट जारी होते ही खेलढाबा के पास भी लगातार खिलाड़ियों से लेकर अविभावकों और जिला संघों के पदाधिकारियों के फोन आने शुरू हो गए। सब अपने-अपने तरीके से अपना दुखड़ा रो रहे थे। एक खिलाड़ी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पाटिलपुत्र के रेस्ट ऑफ जोन में 1 रन बनाने वाला वैसे 2-3 खिलाड़ी जो टीम में शामिल हैं पर 50 से ज्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी बाहर तारे गिन रहे हैं। ऐसी ही शिकायत अंगिका जोन की है जिसमें रन बनाने और विकेट चटकाने वाला खिलाड़ी बाहर बैठे हैं। न केवल पाटलिपुत्र व अंगिका जोन की बात है कमोबेश सभी जोन में इसी तरह कई खिलाड़ियों को जगह जगह दी गई है।
रणधीर वर्मा अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के गेंदबाजों का लेखा-जोखा
रणधीर वर्मा अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के क्षेत्ररक्षक
इस हंगामें के बीच टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक ज्ञानेश्वर गौतम ने जो सफाई दी है वह भी अपने आप में हास्यास्पद है। उनके द्वारा खिलाड़ियों के आंसू पोंछने के असफल प्रयास करते हुए कहा गया कि अभी तो बीसीए का बीसीएल का आयोजन बाकी है। खिलाड़ी अपने परफॉरमेंस और फिटनेस पर फोकस करें। उन्होंने बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का नाम लेते हुए यहां तक कह डाला है कि बिहार की टीम आईपीएल में भी भाग लेगी ऐसी तैयारी की जा रही है। इसीलिए अवसर बहुत है तो उत्साह बना रहना चाहिए। इन्हीं सबों के बीच कई जिला संघों के अध्यक्ष व सचिव ने भी गंभीर टिप्पणियां करते हुए अपने ही जिला खिलाड़ियों का नाम बताते हुए कहा कि उनका चयन नहीं होना चाहिए। आखिर किस मापदंड के तहत उनका चयन किया गया यह बताया जाए।
रणधीर वर्मा अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के मोस्ट वेल्यूवल प्लेयरों का डाटा
सवाल यह उठता है कि खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का असली दोषी कौन हैं? और वैसे लोगों पर नकेल कब कसी जायेगी। या योंहि आरोप-प्रत्यारोप के दौर में खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर लगता रहेगा और बिहार और बिहार क्रिकेट जगत की जगहंसाई होती रहेगी।