नईदिल्ली। पूर्व स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह ने कहना है कि अगर टीम प्रबंधन का समर्थन मिलता तो एक और विश्व कप खेल सकता था था। उनका कहना है कि अंतरराष्टीय कैरियर के अंतिम पड़ाव में टीम प्रबंधन ने उन्हें निराश किया।
‘आज तक’ चैनल से बातचीत में युवराज ने कहा, मुझे दुख होता है कि 2011 के बाद मैं एक और विश्व कप नहीं खेल सका। टीम प्रबंधन और इससे जुड़े लोगों से मुझे मुश्किल से ही कोई सहयोग मिला। अगर उस तरह का समर्थन मुझे मिलता तो शायद मैं एक और विश्व कप खेल लिया होता। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जो भी क्रिकेट मैंने खेला, वो अपने दम पर खेला। मेरा कोई ‘गॉडफादर’ नहीं था।
युवराज ने कहा कि फिटनेस के लिये अनिवार्य ‘यो-यो टेस्ट’ पास करने के बावजूद उनकी अनदेखी की गयी। उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन को उनसे पीछा छुड़ाने के तरीके ढूंढने के बजाय उनके कैरियर के संबंध में स्पष्ट बात करनी चाहिए थी।
युवराज ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे 2017 चैम्पियंस ट्राफी के बाद आठ से नौ मैच में से दो में मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने के बाद मुझे टीम से बाहर कर दिया जायेगा। मैं चोटिल हो गया और मुझे श्रीलंका श्रृंखला की तैयारी के लिये कहा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘अचानक ही मुझे वापस आना पड़ा और 36 साल की उम्र में ‘यो-यो टेस्ट’ की तैयारी करनी पड़ी। यहां तक कि ‘यो-यो टेस्ट’ पास करने के बाद मुझे घरेलू क्रिकेट में खेलने को कहा गया। उन्हें ऐसा लगा था कि मैं इस उम्र में इस टेस्ट को पास नहीं कर पाऊंगा। इससे उनके लिये मुझे बाहर करने में आसानी हो जाती।