नूर-सुल्तान (कजाखस्तान)। भारत के शीर्ष पहलवानों के लिए यहां शनिवार से शुरू हो रही विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में असली परीक्षा होगी क्योंकि इसमें वे प्रतिष्ठा की ही नहीं बल्कि तोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन की भी उम्मीद लगाये होंगे।
विश्व चैम्पियनशिप से पहले बजरंग पूनिया और विनेश फोगट का प्रदर्शन शानदार रहा है जबकि दिव्या काकरान भी कुछ अच्छे नतीजों से आत्मविश्वास से भरी होंगी।
बजरंग ने इस सत्र की सभी चार प्रतिस्पर्धाओं- डैन कोलोव, एशियाई चैम्पियनशिप अली अलीव और यासर डोगू – में जीत दर्ज की। वह विश्व चैम्पियनशिप के 65 किग्रा वर्ग में दुनिया के नंबर एक और शीर्ष वरीय पहलवान के तौर पर मैट में उतरेंगे।
विनेश ने नये वजन वर्ग से सत्र की शुरूआत की जिसमें उन्होंने 50 से 53 किग्रा में खेलने का फैसला किया। हालांकि उन्होंने इस नये वजन वर्ग सांमजस्य बिठाने के लिए कुछ समय लिया लेकिन फिर भी वह पांच फाइनल तक पहुंची जिसमें उन्होंने तीन स्वर्ण पदक – यासर डोगू, स्पेन में ग्रां प्री और पोलैंड ओपन जीते।
चैम्पियनशिप से तीनों शैलियों के छह वर्गों में छह ओलंपिक कोटे मिलेंगे।
टीम :
(पुरूष फ्रीस्टाइल): रवि कुमार (57 किग्रा), राहुल अवारे (61 किग्रा), बजरंग पूनिया (65 किग्रा), करण (70 किग्रा), सुशील कुमार (74 किग्रा), जितेंदर (79 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), परवीन (92 किग्रा), मौसम खत्री (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा)।
(पुरूष ग्रीको रोमन): मंजीत (55 किग्रा), मनीष (60 किग्रा), सागर (63 किग्रा), मनीष (67 किग्रा), योगेश (72 किग्रा), गुरप्रीत सिंह (77 किग्रा), हरप्रीत सिंह (82 किग्रा), सुनील कुमार (87 किग्रा), रवि (97 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा)।
(महिला फ्रीस्टाइल): सीमा (50 किग्रा), विनेश फोगट (53 किग्रा), ललिता (55 किग्रा), सरिता (57 किग्रा), पूजा ढांडा (59 किग्रा), साक्षी मलिक (62 किग्रा), नवजोत कौर (65 किग्रा), दिव्या काकरान (68 किग्रा), कोमल भगवान गोले (72 किग्रा) और किरण (76 किग्रा)।