आईपीएल मेगा नीलामी में 1.10 करोड़ में बिहार के समस्तीपुर जिला के ताजपुर के रहने वाले उदीयमान स्टार क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी के घर परिवार, गांव और जिला बल्कि पूरे बिहार क्रिकेट जगत में खुशी का माहौल है।
आज वैभव सूर्यवंशी का क्रिकेट की दुनिया में जो वैभव बढ़ रहा है यह उस खिलाड़ी की कड़ी मेहनत का फल है। न केवल वैभव बल्कि उसके पिता संजीव सूर्यवंशी और आरती ने भी कड़ी तपस्या की है।
वैभव ने महज 5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था और अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।
अपने बेटे की उपलब्धि पर उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि आज मुझे अपने बेटा पर गर्व है। न केवल मुझे, मेरे परिवार बल्कि पूरे बिहारवासियों को गर्व है कि उनके घर का बेटा आईपीएल खेलने जा रहा है।
वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि इस मुकाम तक वैभव को पहुंचाने के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी पर अपने बेटे का क्रिकेट के प्रति जूनुन और समर्पण देख कर सारी परेशानियों को हम सभी परिवार वाले झेलते रहे।
उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आया था कि अपनी जमीन का कुछ हिस्सा भी बेचना पड़ा, लेकिन वह पीछे नहीं हटे और बच्चे को कमी खलने नहीं दी। हमने उसकी जरूरत की हर चीजों को हमेशा पूरा किया। मेरी क्या सारे बिहारवासियों की तमन्ना है उनके घर का बेटा सीनियर इंडिया टीम के लिए खेले। हालांकि, वह अभी अंडर-19 और एशिया कप भी खेल रहा है.
वैभव सूर्यवंशी के चाचा राजीव सूर्यवंशी कहते हैं कि बचपन से ही वैभव सूर्यवंशी में खेल के प्रति जुनून था। 3 वर्ष की उम्र में ही वह बल्ला लेकर भागता था। वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी भी क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन बेटे को राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने के लिए वह दिन रात मेहनत कर रहे हैं और अपने बेटे को हर जरूरत की चीजें मुहैया करा रहे हैं।
वैभव की दादी ने कहा कि उनका पोता बचपन से ही नटखट था वह तो चाहती थी कि उनका पोता आईएएस, आईपीएस बने लेकिन बचपन से ही उसमें खेल का जुनून था। कई बार वह उसे रोकने के लिए भी उसके पीछे दौड़ती थी लेकिन उनके बेटे संजीव ने उन्हें इसके लिए मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने अपने पोते को खेलने के लिए डांटना छोड़ दिया और अब वह अपने पोते की सफलता को देखकर बहुत खुश हैं।
इस युवा क्रिकेटर के ग्रामीणों का भी यही मानना है कि वैभव सूर्यवंशी को क्रिकेटर बनने में उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने काफी त्याग किया है। वैभव के प्रैक्टिस में परेशानी ना हो इसलिए कोरोना काल में ही उन्होंने अपने घर के सामने नेट (प्रैक्टिस एरिया) बनाया और गांव के ही कुछ बच्चों को बुलाया, जो उसे बॉलिंग करते थे। यहां के सभी लोगों को पूरी उम्मीद है कि वैभव एक दिग्गज क्रिकेटर बनेंगे, क्योंकि उनमें प्रतिभा है।
वैभव सूर्यवंशी की वास्तविक उम्र के बारे में पिता संजीव सूर्यवंशी का कहना है कि जब वह साढ़े आठ साल का था, तो वह पहली बार बीसीसीआई के बोन टेस्ट के लिए उपस्थित हुआ था। वह पहले ही भारत अंडर-19 खेल चुका है। हमें किसी से डर नहीं है। वह फिर से आयु परीक्षण से गुजर सकता है। संजीव ने कहा कि बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी के “आशीर्वाद” ने वैभव की जर्नी में हमेशा मदद की है। संजीव ने साथ ही कहा कि राकेश जी का आशीर्वाद बहुत है।
संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि राजस्थान रॉयल्स ने ट्रायल के लिए नागपुर बुलाया था। बैटिंग कोच विक्रम राठौर ने उन्हें एक मैच सिचुएशन दिया, जिसमें एक ओवर में बेटे ने 3 छक्के मारे और 17 रन बनाए। ट्रायल में उसने कुल 8 छक्के और 4 चौके ठोके।