पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला का वह शख्स जो भारतीय खेल जगत था। इस शख्स ने न केवल बिहार क्रिकेट एसोसिएशन बल्कि इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाई। इस शख्स का नाम है सैयद मोहम्मद मोइनुल हक। लोग इन्हें मोइन साहब के नाम से पुकारते थे। न केवल खेल बल्कि शिक्षा जगत में उनका बड़ा नाम था।
नालंदा जिला के गिलानी (सरमेरा) के रहने वाले मोइनुल हक साहब का पटना में मखनियां कुंआ इलाके में मकान था। वर्ष 1935 से 53 तक बीएन कॉलेज में अंग्रेज के प्रोफेसर और प्राचार्य के रूप में कार्यरत मोइनुल हक ने 1936 में स्थापित बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पहले उपाध्यक्ष थे।

यों तो ओलंपिक में भारतीय टीम की प्रतिभागिता वर्ष 1900 से ही थी पर इंडियन ओलंपिक की स्थापना वर्ष 1927 में हुई। इसकी स्थापना में मोइनुल हक साहब की भूमिका अहम रही। वर्ष 1938 में डॉ एजी नौरेहरन के इस्तीफे के बाद उस समय के संयुक्त सचिव प्रो गुरुदत्त सौंधी को महासचिव बनाया गया और मोइनुल हक साहब को संयुक्त सचिव। प्रो गुरुदत्त सौंधी के बाद मोइनुल हक साहब वर्ष 1952-56 तक इंडियन ओलंपिक संघ के महासचिव रहे।




वर्ष 1948 और 1953 में लंदन और हेलसिंकी में आयोजित ओलंपिक में भारतीय टीम के चीफ डी मिशन के रूप में मोइनुल हक साहब ने हिस्सा लिया।

वर्ष 1951 में नई दिल्ली में आयोजित एशियन गेम्स में मोइन साहब आयोजन समिति के हिस्सा रहे। शिक्षा जगत के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। वर्ष 1953 में वे पटना यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बने। उन्होंने स्कूल व कॉलेज में खेल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी के तहत शैक्षणिक संस्थानों में स्पोट्र्स कोटे से नामांकन कराने की प्रक्रिया शुरू करवाई।
वर्ष 1970 में उनके निधन के बाद राजेंद्रनगर स्टेडियम का नाम बदल कर मोइनुल हक स्टेडियम किया गया। साथ ही प्रत्येक वर्ष बिहार फुटबॉल एसोसिएशन उनकी स्मृति में अंतर जिला फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन कराता है। भारतीय तैराकी महासंघ, बिहार ओलंपिक एसोसिएशन, भारतीय हॉकी महासंघ से इनका गहरा रिश्ता रहा।