Friday, June 20, 2025
Home बिहारक्रिकेट यह है PDCA का ‘स्वर्णिम युग’, पहली बार सेमीफाइनल में वाकओवर

यह है PDCA का ‘स्वर्णिम युग’, पहली बार सेमीफाइनल में वाकओवर

पेसू का ने संघ के निर्णय के खिलाफ रिजर्व डे में नहीं खेलने का फैसला, ईआरसीसी फाइनल में

by Khel Dhaba
0 comment

आरबीएनवाईएसी से होगी भिड़ंत पटना, 20। पटना जिला क्रिकेट जगत का माहौल पूरी तरह गर्म है। चहूंओर पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा लिये गए निर्णय की पूरी आलोचना हो रही है और कहा यही जा रहा है कि पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन के ‘स्वर्णिम युग‘ में वह हुआ जो अबतक नहीं हुआ था। जी हां सेमीफाइनल में वाकओवर। पहले कहा जा रहा था कि पीडीसीए में नॉकआउट में पूरा मैच खेला जाता रहा है और यहां हो गया उल्टा।  

पटना के क्रिकेट पंडितों के अनुसार स्वर्णिम युग इसीलिए कहा जा रहा है क्योंकि पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन अपना गोल्डन जुबली मना कर डायमंड जुबली और शताब्दी वर्ष मनाने की ओर कदम बढ़ा चुका है और इसके पदाधिकारी संविधान की हमेशा दुहाई देते हुए क्रिकेट के विकास की बात करते हैं पर यहां तो उल्टा हो रहा है। चलिए पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं कि मामला क्या है…..

 

पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन का दूसरे सेमीफाइनल पहले 14 जून को होना था। इसकी तिथि विस्तारित कर 18 जून की गई। 18 जून को मोइनुल हक स्टेडियम में मैच खेला गया। ईआरसीसी ने टॉस हार कर पहले बैटिंग करते हुए 40 ओवर में सभी विकेट खोकर 219 रन बनाये। जवाब में पेसू ने 22.3 ओवर में 1 विकेट पर 116 रन बना लिये थे तो बारिश शुरू हो गई। बारिश शुरू होने के बाद ग्राउंड स्टॉफ द्वारा खिलाड़ियों से पिच को ढकने में मदद करने के लिए कहा गया पर अनसुना रहा। अंपायर ने आग्रह किया पर नहीं सुना गया। अतत: मैच आगे नहीं खेला जा सका और मैच को बारिश के कारण रद्द कर रिजर्व डे की ओर अग्रसारित कर दिया जो पेसू को मान्य नहीं हुआ।

 

क्रिकेट जानकारों की मानें तो जहां पर मैच रुका वहां पर मैच का रिजल्ट आ रहा था। वीजेडी नियम के अनुसार पेसू की टीम जीत रही थी। तब यह कहा जाने लगा कि रिजर्व डे में मैच पुन: शुरुआत से खेला जायेगा। क्रिकेट जानकारों का कहना कि रिजर्व डे कब लागू होता जब मैच का परिणाम नहीं आने की संभावना हो। यहां तो परिणाम सामने दिख रहा था तो मैच को रिजर्व डे की ओर क्यों धकेला गया। आयोजन समिति और अंपायरों ने अपनी रिपोर्ट पीडीसीए को सौंपी और पीडीसीए ने रिजर्व डे में मैच कराने को फैसला लिया। रिजर्व डे में कराने का फैसला पीडीसीए के किस कमेटी या पदाधिकारी ने लिया यह तो पीडीसीए वाले जानें।

 

पेसू की ओर से कहा जा रहा है कि जब फैसला बिना नियम कानून का ही होना है तो रिजर्व डे में खेले या नहीं खेलें, क्या फर्क पड़ता है। दूसरी बात रिजर्व डे में हम क्यों खेलने जाते। फैसला हमारे पक्ष में था और पीडीसीए और उनके अंपायरों को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हमें फाइनल में खेलने का हक देना चाहिए था। पेसू का कहना है कि क्या रिजर्व डे में मैच होने की स्थिति थी, नहीं पर हम इस पर चर्चा क्यों करें।  

 

इस मामले की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है। कई तरह की बाते लिखी जा रही हैं। पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन को नैतिकता और संविधान की दुहाई देते हुए हिटलरशाही शासन का उदाहरण बताया जा रहा है। कहा जा रहा कि एक खास क्लब को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि उन्हें सीधे ट्रॉफी दे दो, आगे फाइनल मैच कराने की जरुरत नहीं। अब यही देखना है कि पटना जिला क्रिकेट एसोसिएशन की पूरी कमेटी का आगे क्या रुख रहता है। ऐसे ईआरसीसी ने वाकओवर के जरिए जीत हासिल कर फाइनल में प्रवेश कर लिया है जहां उसकी भिड़ंत आरबीएनवाईएसी से होगी।  

 

You may also like

Leave a Comment

खेलढाबा.कॉम

खेलढाबा.कॉम, खेल पत्रकार की सोच और बहुत सारे खेल प्रेमियों के सुझाव व साथ का परिणाम है। बड़े निवेश की खेल वेबसाइट्स की भीड़ में खेलढाबा.कॉम के अलग होने की यह भी एक बड़ी वजह है। तो, जिले-कस्बों से बड़े आयोजनों तक की कवरेज के लिए जुड़े रहें खेलढाबा.कॉम से।

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

Laest News

@2025 – All Right Reserved.

Verified by MonsterInsights