पटना। याशिता सिंह। बिहार की उभरती प्रतिभावान क्रिकेटर। इस क्रिकेटर ने अपने पहले ही साल में आशा से ज्यादा प्रदर्शन किया और सबों को आश्चर्यचकित कर दिया।
13 वर्षीया याशिता सिंह ने इस साल बीसीसीआई द्वारा आयोजित घरेलू टूर्नामेंट में अंडर-19 वनडे, अंडर-23 टी-20 और अंडर-23 वनडे क्रिकेट टूर्नामेंट में बिहार टीम का प्रतिनिधित्व किया और अपनी बल्लेबाजी से अलग पहचान छोड़ी। महिला अंडर-23 टी-20 में याशिता सिंह ने चार मैच खेले और 60 रन बनाये। महिला अंडर-23 वनडे में पांच खेले और कुल 50 रन बनाये। महिला अंडर-19 वनडे क्रिकेट टूर्नामेंट याशिता सिंह ने नौ मैच खेले और कुल 254 रन बनाये। याशिता सिंह अबतक हुए मैच रिकॉर्ड के अनुसार वह 12वें पॉजिशन पर है। बिहार की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं।


याशिता सिंह क्रिकेट में अपने कैरियर की शुरुआत पिछले साल राजधानी में आयोजित सुमित्रा दयाल महिला क्रिकेट टूर्नामेंट से की। वह गेंदबाज के रूप में हिस्सा लिया और 7 ओवर गेंदबाजी की 14 रन दिये और एक विकेट चटकाये। इसके बाद इनके पिता शैलेंद्र कुमार सिंह ने बल्लेबाजी का अभ्यास कराना शुरू किया और याशिता सिंह अपने पिता के उम्मीदों पर खरी उतरीं। अपने पहले सेलेक्शन ट्रायल में उन्होंने बिहार की सीनियर टीम के सुरक्षित खिलाड़ी के रूप में अपने आपको शामिल करवाया। इसके बाद याशिता सिंह को अंडर-23 टी-20 और वनडे में जगह बनाई और बेहतर प्रदर्शन किया। अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में याशिता सिंह ने बेहतर बैटिंग की और बिहार टीम प्रबंधन की उम्मीदों पर खरे उतरीं।
याशिता सिंह ने न केवल क्रिकेट बल्कि अन्य खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। याशिता सिंह ने चार साल की उम्र में सबसे पहले ताइक्वांडो खेलना शुरू किया और कानपुर में हुए नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीते। इसके बाद पिता के कहने पर टेनिस खेलना शुरू किया। इस दौरान कुल दस ऑल इंडिया रैकिंग टेनिस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें से पांच में जीत हासिल की। तीन में उपविजेता रहीं और दो में क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया। टेनिस में याशिता सिंह की ऑल इंडिया अंडर-16 में 110, अंडर-14 में 60, अंडर-12 में 25 रैंकिंग थी।

संत कैरेंस हाईस्कूल में पढ़ने वाली याशिता सिंह ने स्कूल की ओर से एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया। सीबीएसई क्लस्टर प्रतियोगिता के शॉटपुट इवेंट में गोल्ड मेडल जीते हैं। पटना एसजीएफआई एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शॉट पुट इवेंट में गोल्ड मेडल इनके नाम हैं। याशिता सिंह ने कत्थक नृत्य भी सीखा है।

याशिता सिंह के पिता शैलेंद्र कुमार सिंह जो खुद एक क्रिकेटर रहे हैं और विश्वविद्यालय स्तर तक खेला है कहते हैं कि इस लड़की को मैंने जिस खेल को खेलने को कहा वह खेलती गई और हर में अपनी मेहनत और दृढ़संकल्प की बदौलत अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। याशिता सिंह की माता रानी सिंह गृहिणी हैं और भाई कुमार जयवर्धने क्रिकेटर हैं। याशिता सिंह का पैतृक घर भोजपुर जिला के बबुरा गांव में है।