इंदौर, 2 सितंबर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महान आर्यमन सिंधिया (29) ने मंगलवार को मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली। वह वर्ष 1957 में स्थापित एमपीसीए के इतिहास में सबसे युवा अध्यक्ष बने हैं।
इंदौर के होलकर स्टेडियम में हुई वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में निर्विरोध निर्वाचित हुई नई कार्यकारिणी पर मुहर लगी। अध्यक्ष पद संभालने के बाद महान आर्यमन ने कहा कि उनकी प्राथमिकता ग्रामीण इलाकों के युवा क्रिकेटरों और महिला खिलाड़ियों को आगे लाना होगी।
“यह मेरे लिए बेहद भावुक पल है। मेरे दादा माधवराव सिंधिया और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी एमपीसीए की जिम्मेदारी संभाली थी। एमपीसीए परिवार ने मुझ पर भरोसा जताया, इसके लिए मैं आभारी हूं।” – महान आर्यमन सिंधिया
उन्होंने निर्विरोध निर्वाचन को एमपीसीए की पारिवारिक और सर्वसम्मत संस्कृति का प्रतीक बताया।
सिंधिया परिवार और क्रिकेट प्रशासन
सिंधिया परिवार लंबे समय से मध्यप्रदेश क्रिकेट के प्रशासन में सक्रिय रहा है। खुद महान आर्यमन मध्यप्रदेश टी20 लीग (एमपीएल) के अध्यक्ष हैं और 2024 में उन्होंने अपने गृहनगर ग्वालियर से इस लीग की शुरुआत की थी।
साल 2022 में उन्हें एमपीसीए का आजीवन सदस्य और ग्वालियर जिला क्रिकेट संघ का उपाध्यक्ष चुना गया था।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में टकराव की कहानी
एमपीसीए में सिंधिया परिवार का दशकों से वर्चस्व रहा है। साल 2010 में एमपीसीए चुनावों के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बीच सीधी टक्कर हुई थी, जिसमें सिंधिया गुट ने जीत हासिल की थी।
हालांकि, लोढ़ा समिति की सिफारिशों के चलते 2017 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और संजय जगदाले को अपने पद छोड़ने पड़े।
अब जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो चुके हैं, एमपीसीए में पुराने गुटबाजी वाले हालात खत्म हो चुके हैं और संगठन नई दिशा की ओर बढ़ रहा है।