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Thursday, November 21, 2024

चर्चा है कि विरोधियों के रिझाने में जुटे BCA के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी

पटना, 27 अगस्त। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी इलेक्शन ईयर में अपने विरोधियों को रिझाने में जुट गए हैं। इसकी बड़ी झलक पिछले दिनों बीसीए के एजीएम में देखने को मिला जहां सबों के बीच बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने अपने विरोधियों की तारीफ के कसीदे पढ़ें। उनका अभियान वहीं नहीं रुका है और कुछ अन्य विरोधियों को रिझाने में जुटे हैं जिसकी चर्चा आजकल बिहार क्रिकेट जगत में जोरों पर है। यों तो बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी वर्ष 2025 होने वाले चुनाव में खुद उम्मीदवार नहीं रहेंगे पर अपने खेमे के लोगों की जीत पक्की करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना नहीं चाहते हैं। खेलढाबा.कॉम आपको इस पर विस्तार से प्रकाश डाल रहा है। आइए चलिए जानते हैं कि कैसे राकेश कुमार तिवारी अपने विरोधियों को रिझाने में कैसे जुटे हैं और इस पर क्या है बिहार क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया……

अजय भैया को क्रिकेट मैदान में लाइए

पिछले वर्ष बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा के बारे में बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने संघ की आमसभा की बैठक में क्या नहीं कहा था। खेलढाबा.कॉम उस पर चर्चा करना नहीं चाहता है पर वर्तमान समय में यू टर्न हो गया है। हाल ही में संपन्न बीसीए के एजीएम में राकेश कुमार तिवारी ने अजय नारायण शर्मा के करीबियों जो बीसीए से जुड़े हैं को कहा कि अजय भैया को क्रिकेट मैदान में लौटाइए। वे बीसीए ऑफिस में नहीं आ सकते हैं पर वे क्रिकेट के आदमी हैं उन्हें स्टेडियम में लेकर आइए और क्रिकेट के विकास में उनका सहयोग लीजिए।

सुबीर चंद्र मिश्रा की जम कर तारीफ की

बीसीए के एजीएम में अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने संघ के पूर्व जीएम क्रिकेट ऑपरेशन सुबीर चंद्र मिश्रा की भी जमकर तारीफ की और कहा कि उन्हें क्रिकेट में लौटाइए। क्रिकेट के विकास के लिए उनका साथ काफी जरूरी है। साथ ही इस बैठक में मौजूद सुबीर चंद्र मिश्रा के एक पारिवारिक सदस्य को कहा कि आप जाकर उनसे माफी मांग लें और सारे गिले शिकबे को दूर कर लें। खबर है कि इस काम के लिए अध्यक्ष ने उनके एक करीबी को जिम्मेवारी भी सौंप दी है।

डीवी पटवर्धन को क्यों नहीं बुलाए

वर्ष 2022 के चुनाव के समय राकेश कुमार तिवारी के खिलाफ विरोध का विगुल फूंकने वाले डीवी पटवर्धन को अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी बीसीए के एजीएम में खोज शुरू कर दी और कहा कि उन्हें क्यों नहीं बुलाया। उनको भी बुलाना चाहिए था। वे क्रिकेट के आदमी है। खबर है कि इसके बाद दोनों के बीच बातचीत हुई है। बातचीत किस मुद्दे पर हुई यह पता नहीं चल पाया है।

रविशंकर प्रसाद सिंह पर डाला जा रहा डोरा

ताजा खबर है कि अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी बीसीए के पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह को अपने खेमे में लाने की कोशिश में जुटे हैं। पिछले वर्ष भी रविशंकर प्रसाद सिंह विरोध में खड़े हुए थे पर ऐन वक्त पर राकेश कुमार तिवारी ने ऐसी चाल चली कि विरोधी भी सोच में पड़ गए थे। पिछले वर्ष रविशंकर प्रसाद सिंह को राकेश कुमार तिवारी के खेमे में लाने का ताना-बाना ज्ञानेश्वर गौतम ने बूना था पर वर्तमान समय में ज्ञानेश्वर गौतम अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के घुर विरोधियों में से एक हैं। बिहार के क्रिकेट पंडितों का कहना है कि रविशंकर प्रसाद सिंह दोनों खेमों में हैं। वो कैसे के सवाल के जवाब में क्रिकेट पंडित कहते हैं कि वह ऐसे कि एक व्हाटशअप ग्रुप है जिसमें केवल बीसीए से जुड़े लोग हैं। इस ग्रुप के सदस्य रविशंकर प्रसाद सिंह भी हैं। न तो राकेश कुमार तिवारी उन्हें इस ग्रुप से निकाल रहे हैं और न ही रविशंकर प्रसाद सिंह इस ग्रुप को छोड़ रहे हैं। यानी दोनों खेमों में। बिहार क्रिकेट जगत में यह चर्चा है रविशंकर प्रसाद सिंह के किसी अपने को पटना क्रिकेट संघ या अरवल जिला क्रिकेट संघ में एडजस्ट किया जा सकता है और फिर बात बन जायेगी। हालांकि सच क्या है यह तो आने वाला कल बतायेगा।

सोशल मीडिया पर आग उगलने वाले धीरे-धीरे शांत

बिहार क्रिकेट जगत में यह चर्चा है कि सोशल मीडिया पर बीसीए अध्यक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया पर आग उगलने वाले धीरे-धीरे शांत हो रहे हैं। इनको रिझाने के लिए राकेश कुमार तिवारी ने किस तरकीव का उपयोग किया है यह तो वह जाने। खैर जो भी हो राकेश कुमार तिवारी विरोधियों ऐन-केन प्रकारेण रिझाने में सफल हो जायेंगे।

अंत में

क्रिकेट पंडितों का कहना है कि बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने अपने विरोधियों के तारीफों के पूल बांध कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। वे कहते हैं कि एजीएम में बैठे लोगों को डर दिखाया कि आप शांत रहें। साथ हीं जिनकी तारीफ के कसीदे पढ़े उनके मन में अपने प्रति उबल रहे गुस्से को शांत करने का प्रयास किया और जताया कि आप सबों के प्रति अब भी उतना ही आदर है जितना पहले था।

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