पुणे। इंग्लैंड के हाथों दूसरे मैच में करारी हार से सबक लेते हुए भारतीय क्रिकेट टीम यहां रविवार को होने वाले तीसरे और निर्णायक एक दिवसीय मैच में बदले हुए तेवरों और नयी रणनीति के साथ देशवासियों की होली में जीत के रंग भरने के इरादे से खेलेगी ।
बल्लेबाजों की ऐशगाह पिच पर इंग्लैंड ने पिछले मैच में 20 छक्के लगाकर 337 रन के मुश्किल लक्ष्य को आसान बना डाला । खराब फॉर्म में चल रहे स्पिनर कुलदीप यादव और कृणाल पंड्या ने उनका काम आसान कर दिया ।
भारतीय कप्तान विराट कोहली को रविंद्र जडेजा की इतनी कमी कभी महसूस नहीं हुई होगी जितनी पिछले मैच में। जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स ने भारतीय स्पिनरों को मनचाहे स्ट्रोक्स लगाकर खूब रन बनाये।
गेंदबाजी में कुलदीप ने आठ छक्के गंवाये जो किसी भी भारतीय गेंदबाज से ज्यादा हैं। उन्होंने दूसरे मैच में 84 और पहले में 64 रन दिये थे। वहीं कृणाल ने छह ओवर में 12 की औसत से 72 रन दे डाले।


ऐसे में इन दोनों की जगह लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल और वाशिंगटन सुंदर को उतारा जा सकता है। चहल भले ही सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं है लेकिन कोहली के पास कोई विकल्प भी नहीं है।
कृणाल भी बल्लेबाजी के दम पर टीम में जगह पा सकते हैं लेकिन खराब गेंदबाजी को देखकर स्पष्ट है कि वह दीर्घकालिन विकल्प नहीं हैं।
बल्लेबाजी में 336 रन का स्कोर खराब नहीं था लेकिन बल्लेबाजी की शैली में बदलाव की जरूरत है। भारतीय टीम आखिरी 15 ओवर में तेजी से खेलने पर भरोसा करती आई है और यह परिपाटी पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने स्थापित की थी। कई बार यह दाव चल जाता है लेकिन विश्व चैम्पियन इंग्लैंड ने दिखा दिया है कि मददगार पिच पर शुरू से ही हमला बोलना सही रहता है।