सोना को आप जितना तरासेंगे, उसकी चमक उतनी ही निखरकर सामने आएगी। यह उक्ति जमुई के तौफीक के लिए सटीक बैठती है। दरअसल उसने सोमवार को बड़ौदा में खेले जा रहे विजय मार्चेंट अंडर-16 में हैदराबाद के खिलाफ खेलते हुए 129 रन बनाए। वह भी उस वक्त जब पूरी बिहार टीम ताश के पत्ते की तरह बिखर रही थी। उस वक्त उसने एक छोर पकड़कर रखा था। इस तरह BCCI की ओर होने वाले मैचों में महिला-पुरुष वर्ग के सभी फार्मेट पर नजर डालें तो वह जमुई का पहला खिलाड़ी बन गया जिसने बिहार की तरफ से खेलते हुए शतक जड़ा है। इससे पहले भी उसने दूसरे मैच में दिल्ली के खिलाफ सर्वाधिक 43 रन बनाए थे।
जमुई का तौफीक काफी गरीब परिवार से आता है। बचपन से क्रिकेट के प्रति काफी लगाव रहा। गरीबी हमेशा आडे आती रही। परंतु उसने कभी हार नहीं मानी। अपनी प्रतिभा के बल पर बिहार की विजय मर्चेंट टीम में जगह बना ली और आज उसने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
Vijay Merchant Trophy : तौफिक का शतक पर बिहार टीम पर पारी की हार का खतरा
उसे आगे बढाने में कोच मयंक मेहता का काफी बडा योगदान रहा है। मयंक खुद भी स्टेट प्लेयर है। उसने तौफीक की एक पिता की तरह सेवा की। कहीं से बैट तो कहीं से पैड मांग कर उसने उसे दिया और खेलने के लिए प्रेरित करता रहा है।
यहां के खिलाडी काफी प्रतिभावान हैं। अबतक काफी खिलाडियों को मौका मिला है। उसमें तौफीक कुछ अलग है।वह जमुई के अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत है-मनोज कुमार सिंह, अध्यक्ष, डीसीए, जमुई