पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में बैक डोर से काम करना नहीं रुकेगा। यह परंपरा पहले से चलते आ रही थी और आज भी चलती रही।
बीसीसीआई द्वारा आयोजित हो रहे सैयद मुश्ताक अली टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने गई बिहार टीम में दो नाम विकास पटेल और शशि आनंद का जोड़ा गया पर इसकी सूचना अबतक मीडिया जगत को नहीं भेजी गई। बीसीए के मीडिया कमेटी ने भी जो प्रेस रिलीज भेजा है उसमें इन दोनों का नाम नहीं है। इसका मतलब है कि किसी को भी यह सूचना नहीं दी गई। जो फोटो जारी किया गया है उसमें ये दो प्लेयर दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। खबर है कि इन दोनों प्लेयरों का टिकट अलग से था और ये पहले ही चेन्नई के लिए रवाना हो गए।
बीसीए के पदाधिकारियों से इस संबंध में जब खेलढाबा.कॉम ने पूछा तो कहा गया है कि सारे स्टेट 22 प्लेयरों का लिस्ट भेज रहे हैं। बीसीसीआई से भी 22 प्लेयर भेजने का पत्र आया था। जब बीसीसीआई से 22 प्लेयर का पत्र आया था तो पहले सेलेक्टरों को क्यों नहीं बताया गया कि आपको 22 प्लेयरों की लिस्ट बनानी है। अगर नहीं बताया गया तो यह किसकी गलती है।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में हो रहे विवाद को निपटारे के समय 20 प्लेयरों की लिस्ट को ही क्यों रखा गया जिस पर सारे सीओएम के पदाधिकारियों ने साइन किया है।
सवाल यह उठता है कि यह बैक डोर से इंट्री की परंपरा कब खत्म होगी। कामों में पारदर्शिता की झलक कब देखने को मिलेगी। खेलढाबा.कॉम किसी भी प्लेयर की क्षमता पर सवाल खड़ा नहीं कर रहा है। हम केवल काम करने के तरीके पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।