नई दिल्ली, 14 जून। लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 का खिताब जीतने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने एक नई इबारत लिखी है। लेकिन यह सफर आसान नहीं रहा। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास गवाह रहा है उन क्षणों का जब यह टीम खिताब के एकदम करीब पहुंचकर चूक गई। आईसीसी टूर्नामेंटों में बार-बार जीत के करीब पहुंचने के बाद हार का सामना करना, इस टीम की सबसे बड़ी पीड़ा रही है। आइए नजर डालते हैं उन यादगार लेकिन दर्दनाक लम्हों पर:
1. 1992 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल (इंग्लैंड के खिलाफ)
सिडनी में बारिश ने दक्षिण अफ्रीका का सपना तोड़ दिया। 7 गेंदों में 22 रन की जरूरत थी, लेकिन बारिश के बाद नियमों के कारण लक्ष्य बदल गया और अब एक गेंद में 22 रन बनाने का असंभव टास्क सामने था।
2. 1999 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ)
यह मुकाबला प्रोटियाज इतिहास का सबसे दर्दनाक पल था। लांस क्लूजनर के दो चौकों के बाद 4 गेंदों में 1 रन चाहिए था। लेकिन रन आउट के कारण मैच टाई रहा और पहले मिली जीत के कारण ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच गया।
3. 2003 वर्ल्ड कप (श्रीलंका के खिलाफ)
डकवर्थ-लुईस पद्धति से बराबरी का स्कोर था। बाउचर ने मुरलीधरन की गेंद पर रन नहीं लिया। मैच रुक गया और दक्षिण अफ्रीका टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
4. 2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल (न्यूजीलैंड के खिलाफ)
डेल स्टेन की गेंद पर ग्रांट एलियट ने आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर दक्षिण अफ्रीका को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।
5. 2022 टी20 वर्ल्ड कप (नीदरलैंड्स से हार)
नीदरलैंड जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका को बस जीत चाहिए थी, लेकिन वे 159 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 145 रन पर ऑलआउट हो गए।
6. 2024 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल (भारत के खिलाफ)
177 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 16.1 ओवर में 151/4 की स्थिति में टीम जीत के करीब थी। लेकिन हार्दिक पंड्या ने क्लासेन को आउट किया और दक्षिण अफ्रीका 169/8 पर सिमट गया, 7 रन से हार का सामना करना पड़ा।
और अब 2025 में इतिहास बदला
इतिहास के पन्नों पर वर्षों से दर्ज दर्द को मिटाते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 2025 में लॉर्ड्स के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देकर अपना पहला WTC खिताब जीतकर गौरवशाली अध्याय जोड़ा।
