पटना। बीसीए मीडिया कमिटी के पूर्व सदस्य सह छात्र जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व क्रिकेटर कृष्णा पटेल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पीडीसीए के लोकप्रिय कार्यकारी सचिव व अपने जमाने के जाने-माने क्रिकेटर और बिहार क्रिकेट को जीवटता प्रदान करने वाले योद्धा अरुण कुमार सिंह के निष्कासन मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पीडीसीए के कागजी अध्यक्ष बाबू यह कह रहें हैं कि अरुण कुमार सिंह ने संघ विरोधी कार्य किया है और इसीलिए उन्हें पांच साल के लिए निलंबित करने का फैसला लिया गया है।
मैं पूछता हूं कि वो हमें पहले यह बता दें कि आज से कुछ महीने पहले एक न्यूज़ चैनल ने स्ट्रिंग ऑपरेशन के माध्यम से जिन लोगों के काले कारनामों को उजागर किया जिसे पूरे देश ने देखा है और जिन-जिन लोगों का नाम इन्हीं लोगों के व्यक्तियों ने लिया और जिन पर गांधी मैदान थाना में एफआईआर दर्ज है उससे बिहार क्रिकेट संघ की प्रतिष्ठा बढ़ी है क्या। उनके खिलाफ इस कागजी बाबू ने कभी आवाज नहीं उठाई। उन्होंने कहा कि यहां पर कहावतें फिट बैठती है “बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलिया कोय! जो घर देखा आपना मुझसे बुरा ना कोय।
उन्होंने कहा कि कागजी बाबू आप में अगर संघ की प्रतिष्ठा बचाने और बढ़ाने कि चिंता है तो जिन-जिन लोगों पर दाग के धब्बे लगे हुए हैं पहले उनके खिलाफ तो आवाज उठाओ तो जाने और आप लोग तो ‘अपना मुहँ मिया मिठ्ठू’ बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जब बीसीसीआई के सीओए साहब ने बीसीए को खारिज कर दिया है और बीसीए के दोनों गुटों को सक्षम न्यायालय से अपने पक्ष में आदेश लाकर जमा करने को कहा है और साथ में बीसीए संविधान को बजाप्ता रजिस्टर्ड कराने को कहा गया है तो भी आप लोगों को अभी तक होश नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि अरुण कुमार सिंह ने बिहार क्रिकेट और क्रिकेटरों के लिए जो किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता और सत्य को कोई झुठला नहीं सकता मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं।