पटना, 28 अक्टूबर। पटना जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुनील कुमार उर्फ सुनील रोहित एक बार फिर रहबर आबदीन पर हमला बोलते हुए कहा कि एक कहावत है ना चलनी दूसे सूप को, वही हाल है रहबर आबदीन का।
उन्होंने कहा कि वे हमें फर्जी कह रहे हैं, हंसी आती है उनकी सोच पर। सुनील रोहित ने कहा कि जिस व्यक्ति का कोई जमीर नहीं है। जो कहीं से विश्वास के काबिल नहीं है वह आदमी अंतरात्मा की आवाज सुनने की बात करते है।
उन्होंने कहा कि पटना सहित बिहार का क्रिकेट जगत जानता है कि आप किस तरह से सत्ता पर काबिज होने के प्रयास में लगे हैं। उन्होंने कहा कि लोकपाल का आदेश था कि नंद कुमार श्रीवास्तव की कमेटी से मतदाता का सत्यापन करा कर आगे सत्यापित मतदाताओं के बीच से 3 सदस्यीय एडहॉक कमेटी बना कर उसके द्वारा चुनाव कराना,क्या हुआ नहीं न।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने बिना मतदाताओं के सत्यापन के एडहॉक बॉडी बना दिया। आपने भी मौका देखा और खेमा बदल कर उसके साथ हो लिये। क्या यह कार्य गैरसंवैधानिक नहीं हुआ।
दूसरी बात यह कि एडहॉक कमेटी का कार्यकाल 3 महीना के लिए था पर आप सभी हिटलर की तरह पिछले डेढ़ वर्ष से कब्जा कर बैठे हैं।

जिला संघ में चुनाव कराना उनका अंदरुनी मामला है। बीसीए से अनुमति लेने की जरुरत नहीं है। बीसीए अपने संविधान के धारा 48-बी के तहत जिला के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
सुनील रोहित ने कहा कि मैं जिस चुनाव से सचिव बना हूं वह पूरी तरह से संवैधानिक था। इस चुनाव में मतदाताओं की मांग पर सभी क्लबों को सूचित कर चुनाव कराया गया था। दो तिहाई से ज्यादा क्लबों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

उन्होंने कहा कि फर्जी एडहॉक कमेटी के सदस्य रहबर आबदीन अपना पीठ खुद नहीं थपथपायें। हमने भी पटना जिला सीनियर व जूनियर क्रिकेट लीग का शानदार आयोजन कराया है। इन मैचों के दौरान हमें फर्जी कहने वाले रहबर आबदीन हमारे साथ ही थे। अवसरवाद और सत्ता के भूखे हैं रहबर आबदीन।
उन्होंने कहा कि रहबर आबदीन खिलाड़ियों की भलाई की बात करते हैं। पटना जिला के बेहतरीन खिलाड़ी बिहार टीम के सदस्य नहीं बन पाये क्या आवाज उन्होंने उठाई। जो अच्छा क्रिकेट हित कर ग्राउंड पर खिलाड़ियों के बीच जाता है। ओपनिंग और क्लोजिंग छोड़ कभी रहबर आबदीन ग्राउंड पर दिखाई तो नहीं पड़ते हैं। इससे यही पता चलता है कि वे केवल बयानवाज हैं, काम से उन्हें कोई मतलब नहीं है।

