पटना। क्रिकेटर को अपनी मिट्टी की याद आई। सोचा बहुत दिनों तक दूसरे राज्यों की ओर खेल लिया अब घर लौट चलें। दूसरे राज्यों की ओर खेलने की वजह भी सभी को मालूम है। घर जब लौटा तो उसे दुत्कार ही मिली। उसे इस काबिल नहीं समझा गया कि उसका नाम कैंप के लिए भी रखा जाए। वह क्रिकेटर न केवल रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी या मुश्ताक अली ट्रॉफी खेला वल्कि आईपीएल में भी खेल चुका है। जी हां इस प्लेयर का नाम है वीर प्रताप सिंह।
नालंदा जिला के रहने वाले वीर प्रताप सिंह का नाम बिहार का पूरा क्रिकेट जगत जानता है। वह बंगाल की ओर से बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट में खेला। लास्ट सीजन में उन्होंने छत्तीसगढ़ की ओर से खेला और फिर सोचा अब घर की ओर से खेलें। घर लौटने पर उन्हें ढेर सारी प्रक्रिया अपनाने की बात कही गई। उन्होंने सारी प्रक्रिया को अपनाया और पूरा किया। नालंदा जिला में क्लब रजिस्ट्रेशन से लेकर अन्य प्रक्रियाओं को पूरा किया। विजय हजारे ट्रॉफी के लिए बन रही बिहार टीम की सेलेक्शन प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए नालंदा जिला की ओर से उनका नाम अग्रसारित किया गया। उन्होंने सेलेक्शन ट्रायल में हिस्सा लिया पर जो बीसीए द्वारा प्रिपेट्री कैंप के लिए लिस्ट जारी की गई उसमें उनका नाम ही नहीं है।
वीर प्रताप सिंह का यह रहा है प्रदर्शन
मध्यम गति के तेज गेंदबाज वीर प्रताप सिंह ने कुल 32 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 406 रन बनाये हैं। 32 लिस्ट मैच में कुल 61 रन बनाये हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कुल 82 विकेट,लिस्ट ए में 66 विकेट और टी 20 में 19 विकेट उनके नाम हैं। 9 आईपीएल मैच खेले हैं।

सवाल यह उठता है कि इनका चयन कैंप के लिए क्यों नहीं
अगर इन पर यह बीसीए द्वारा जारी नियम आईपीएल में खेलने वाले सीधे कैंप में रिपोर्ट करेंगे तो जिला से इनका नाम कैसे भेजा गया और इनका ट्रायल क्यों लिया गया।
अगर इस प्लेयर के कागजात में कोई कमी थी तो जिला से इनका नाम क्यों अग्रसारित किया गया। अगर जिला ने अग्रसारित कर भेजा तो यहां बीसीए में इनके कागजातओं की जांच क्यों नहीं गई।
अगर सबकुछ नियमानुसार हुआ तो फिर इसका नाम कैंप के लिए क्यों रखा गया। बिहार के इस स्टार क्रिकेटर को गेस्ट प्लेयर के रूप में भी तो खिलवाया जा सकता है।
खैर जो भी। वीर प्रताप सिंह का कहना है कि मैं जब अपने घर को लौटा तो ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। उम्मीद थी कि गेस्ट प्लेयर के रूप में लोग अपनायेंगे। नहीं अपनाया, मैंने सारी प्रक्रिया पूरी की। ट्रायल दिया पर मेरा नाम कैंप के लिए भी नहीं समझा गया। ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा क्योंकि खिलाड़ी मैदान में ही बोलता है।






 
			        