पटना। पूर्व प्लेयर, सेलेक्टर, अंतरराष्ट्रीय कोच और खेल पत्रकार अधिकारी मदन मोहन प्रसाद अब इस दुनिया में नहीं रहे। बुधवार की अहले सुबह उन्होंने पटना के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर संपन्न हो गया जहां पटना क्रिकेट जगत की दिग्गज हस्तियां से लेकर क्रिकेटर और उनके परिवारजन मौजूद थे।
लगभग 81 वर्षीय अधिकारी जी के लिए क्रिकेट ही जीवन था और यह जीवन पूरी तरीके से क्रिकेट को समर्पित रहा और यह सिलसिला अंतिम सांस लेने तक जारी रहा है।
अधिकारी जी ने कितने ही को क्रिकेट के माध्यम से जीने का रास्ता दिखाया। उन्होंने क्रिकेट के माध्यम से पैसा तो नहीं पर नाम जरूर कमाया।
चार भाइयों में सबसे छोटे अधिकारी जी ने छात्र जीवन में ही खेल को साथी बना लिया था। पटना कॉलेजिएट स्कूल दरियापुर के छात्र रहे अधिकारी ने खेल की खातिर कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक व लॉ की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज के समय से ही अधिकारी एमएम प्रसाद टेबुल टेनिस, फुटबॉल व क्रिकेट खेलते थे। टेबुल टेनिस छोड़ दिया लेकिन फुटबॉल व क्रिकेट को गले लगाए रखा। वे पटना फुटबॉल लीग में अपने क्लब एमसीसी की ओर से लेफ्ट आउट के पोजिशन से खेलते थे।
अधिकारी एमएम प्रसाद मध्यक्रम के बल्लेबाज के साथ-साथ बाएं हाथ के मध्यमगति के गेंदबाज थे। कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ अपने उत्कृष्ठ प्रदर्शन के दम पर कॉलेज ऑफ कॉमर्स को खेल के क्षेत्र में ऊचाईयों पर पहुंचाया। इन्हें चार बार कॉलेज ब्लू की उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय और पटना जिला क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया।
पटना क्रिकेट लीग में उनके नाम एक अनोखा रिकॉर्ड कायम है। उन्होंने इनिंग के पहले ओवर में हैट्रिक समेत पांच विकेट चटकाये थे। ऐसे एक ओवर में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड प्रदीप सिंह और अमिताभ पालित के नाम भी दर्ज है पर वह पहले ओवर में नहीं है। साथ ही पटना क्रिकेट लीग में कुल 13 हैट्रिक चटकाये थे।
अधिकारी एमएम प्रसाद के जीवन में सबसे बड़ा बदलाव संत जेवियर्स स्कूल में कोचिंग देने के दौरान आया था। अधिकारी जी स्वयं कहते थे कि संत जेवियर्स में कोचिंग देने के दौरान ही सैयद सबा करीम, अमिकर दयाल, फैज करीम, संजय चौधरी, अविनाश कुमार, रजनीश कुमार, जितेंद्र कीकानी, संजय सिंह जैसे कई खिलाड़ी मिले जो आगे चल कर क्रिकेट की ऊचाइयों को छुआ। वे स्व. महेश सिंह, आयुष कुमार और जय कुमार सिन्हा जैसे अनेक खिलाड़ियों के गुरु रहे। अपने दम पर उन्होंने वह मुकाम हासिल किया जो बहुत कम लोगों को नसीब है।
अधिकारी जी का कोचिंग कैंप शाखा मैदान पर वाईसीसी स्पोट्र्स एकेडमी के नाम से चलता था जो आज भी कायम है। वर्तमान समय संतोष कुमार इस एकेडमी का संचालन करते हैं और उनकी ट्रेनिंग से भी खिलाड़ी निकल कर राष्ट्रीय क्षितीज पर छा रहे हैं।
अधिकारी जी ने एक बार अपने कैंप में आर्थिक रूप से कमजोर क्रिकेटरों के लिए कैंप का आयोजन किया था जिसमें भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान कपिल देव के कोच रहे स्व. देशप्रेम आजाद और उनके सागिर्द आये थे। वाईसीसी स्पोट्र्स एकेडमी में दिग्गज नेता स्व. माधव राव सिंधिया टर्फ विकेट का उद्घाटन करने पधारे थे।
अधिकारी एमएम प्रसाद पूर्वी क्षेत्र के क्रिकेट कोच और चयनकर्ता भी रहे। बिहार रणजी टीम को छोड़कर शेष सभी आयु वर्ग के टीम चयनकर्ता रहे। तीन दशक पहले बिहार रणजी ट्रॉफी टीम गठन हेतू हेमन ट्रॉफी की चैंपियन व शेष बिहार टीम के बीच दोदिवसीय मैच होता था। अधिकारी जी शेष बिहार के चयनकर्ता हुआ करते थे। विजेता टीम को ‘कमानी कप’ प्रदान किया जाता था। पाकिस्तान के खिलाफ 1980-90 के दशक में खेली भारतीय अंडर-19 टीम के भी अधिकारी जी कोच बनाये गए थे।
एक उच्चस्तरीय खिलाड़ी ही अच्छा कोच बन सकता है। मिथक को अधिकारी जी ने अपने कोचिंग स्किल से तोड़ा था। उन्हें नेपाल क्रिकेट संघ ने अपने यहां होने वाले इंटर जोनल नेशनल चैंपियनशिप में खेलने वाली नारायणी जोन का कोच बनाया था। उन्हें नेपाल क्रिकेट संघ के तत्कालीन उपाध्यक्ष तारिणी विक्रम शाह ने अपने भाई बिहार सरकार के खेल मंत्री स्व. अर्जुन विक्रम शाह के कहने पर बुलाया था।
अधिकारी मदन मोहन प्रसाद हिंदुस्तान टाइम्स अंग्रेजी दैनिक में खेल संवाददाता के रूप में भी काम किया। इस कार्य में उन्हें काफी शोहरत हासिल हुई।
अधिकारी मदन मोहन प्रसाद को उनकी उपलब्धियों के लिए बिहार सरकार के लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें कई सम्मान मिला।
अधिकारी मदन मोहन प्रसाद ने कैंसर जैसी बीमारी को मात दी और कुछ दिन पहले उसी चुस्ती और फूर्ती के साथ क्रिकेट की टिप्स देते रहे।