भुवनेश्वर। इस साल नवंबर दिसंबर में होने वाला जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप ओडिशा में होगा जो भारत में खेलों के गढ के रूप में अपनी पहचान बनाकर कई बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी कर चुका है।
यह टूर्नामेंट 24 नवंबर से पांच दिसंबर तक कलिंगा स्टेडियम पर खेला जायेगा जो सीनियर पुरूष विश्व कप 2018 की मेजबानी कर चुका है।
ओडिशा और उत्तर प्रदेश दोनों ने मेजबानी की इच्छा जताई थी लेकिन राष्ट्रीय टीम का टाइटल प्रायोजक होने के कारण ओडिशा को तरजीह दी गई। भारत ने 2016 में लखनऊ में जूनियर हॉकी विश्व कप जीता था।
आगामी टूर्नामेंट में 16 टीमें खिताब के लिये खेलेंगे। ओडिशा में सीनियर विश्व कप 2018 के अलावा एफआईएच विश्व लीग 2017 और चैम्पियंस ट्रॉफी 2014 भी हो चुकी है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरूवार को यहां एक समारोह में उन्होंने कहा कि हॉकी इंडिया ने हाल ही में ओडिशा सरकार से दो महीने के भीतर पुरुष हॉकी जूनियर विश्व कप की मेजबानी में मदद मांगी थी।
पटनायक ने कहा, महामारी के बीच ऐसे टूर्नामेंट की मेजबानी की तैयारी के लिये समय बहुत कम है । लेकिन चूंकि देश की प्रतिष्ठा का सवाल है तो हमने हामी भर दी।
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारतीय टीम घरेलू हालात का फायदा उठाकर फिर खिताब जीतेगी। पटनायक ने टूर्नामेंट के लोगो और ट्रॉफी का भी अनावरण किया।
भारतीय पुरूष टीम के टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने और महिला टीम के चौथे स्थान पर रहने के बाद से ओडिशा की भारतीय हॉकी के पुनरोत्थान में भूमिका की तारीफ की जा रही है।
जूनियर विश्व कप में भारत के अलावा कोरिया, मलेशिया, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, बेल्जियम, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, अमेरिका , कनाडा, चिली और अर्जेंटीना भाग लेंगे। ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंधों के चलते नाम वापिस ले लिया है। ओड़िशा में 2023 सीनियर पुरूष विश्व कप भी होना है।