पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अमित कुमार द्वारा कराए जा रहे विभिन्न आयु वर्ग के पुरुष व महिला अंतर जोनल ट्रायल व मैच में खिलाड़ियों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए और किसी भी असामाजिक, असंवैधानिक व तथाकथित लोगों द्वारा फैलाए जा रहे विभिन्न प्रकार के भ्रामक और तुगलकी फरमान से खिलाड़ियों को डरने की नहीं खेलने की जरूरत है।
ये बातें बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा और खिलाड़ियों को ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया कि बीसीसीआई द्वारा आयोजित पिछले घरेलू सत्र के विभिन्न फॉर्मेट में जिस प्रकार से बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ियों का भद्दा मजाक उड़ाया गया वो किसी से छुपा हुआ नहीं है और आज जिस असंवैधानिक घरेलू टूर्नामेंट कि दुहाई देकर खिलाड़ियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास में जो लोग लगे हुए हैं उनका भी चेहरा उजागर हो चुका है जिसका तरह-तरह के ऑडियो-वीडियो क्रिकेट जगत में वायरल है जिसमें खिलाड़ियों पर कितनी आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही है वह भी जगजाहिर है।
इसके बावजूद भी खिलाड़ी आज तक गहरी नींद से नहीं जाग पा रहे हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। क्योंकि बीसीसीआई के बिते गत घरेलू सत्र में जिस प्रकार से बिहार क्रिकेट टीम के विभिन्न आयु वर्ग व फॉर्मेट में खिलाड़ियों का चयन 100 या उससे भी ज्यादा खिलाड़ियों का एक सीजन में उलटफेर किया गया जो निश्चित रूप से बीसीसीआई की सूची में देशभर में ऐसा कृत्य करने वाला बिहार पहला राज्य होगा।
वहीं कई खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बावजूद टीम से बाहर किया गया। क्योंकि बीसीसीआई के नियमावली के तहत संबद्ध राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली क्रिकेट टीम में अधिकतम 15 खिलाड़ी की सूची को हीं शामिल कि जाती है जिसका सारा खर्च का भूगतान बीसीसीआई द्वारा होती है।
जबकि ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि बिहार राज्य से 25 से 30 खिलाड़ियों का जत्था बीसीसीआई के टूर्नामेंट में शिरकत करने को जाती रही और ये सर्वविदित है कि बिहार क्रिकेट टीम के 15 खिलाड़ी हीं बीसीसीआई के नियमावली के अनुसार मैच स्थल पर रिपोर्ट करेगी और करती रही तो फिर ये 25 से 30 खिलाड़ियों को टीम का हिस्सा बनाने का क्या औचित्य था इसलिए कि बाकी खिलाड़ी होटल में बैठकर मूकदर्शक बनें रहें और बैरंग वापस लौटें ऐसा कृत्य क्यों किया गया ये भी सर्वविदित है।
क्या खिलाड़ियों को आज वो दिन याद नहीं आ रही अथवा भूल गए या ऐसी हीं स्थिति- परिस्थिति में अपने आपको देखना भी पसंद करते हैं?
अगर ऐसा नहीं है तो अब भी खिलाड़ियों के पास समय है की गहरी नींद से जागें और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के संविधान (रूल्स एंड रेगुलेशंस) के सुसंगत धाराओं तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 14 सितंबर 2022 के अनुपालन में प्रदत शक्तियों के तहत सभी प्रकार के क्रिकेटिंग व नन -क्रिकेटिंग गतिविधियों को संचालित करने का अधिकार राज्य संघ के सचिव के क्षेत्राधिकार में आती है।
फिर भी कुछ लोग जो अनैतिक, अनाधिकार और असंवैधानिक कार्यों को करने में महारथ हासिल किए हुए हैं और जिनकी मंशा नेक नहीं है वैसे लोग संविधान और कानून के साथ खिलवाड़ कर झूठा भौकाली बनाकर खिलाड़ियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं और तरह-तरह की तुगलकी फरमान से खिलाड़ियों के अंदर भय उत्पन्न कर रहे हैं।
क्योंकि उन्हें पता है कि मैंने जितनी भी अनैतिक, अनाधिकार व असंवैधानिक कार्य किया है उस पर एक न एक दिन कानून का डंडा चलना तय है और उस दिन मेरा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इस भय से वो खुद व्याकुल है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण भी देखा जा रहा है तभी तो तथाकथित सीईओ सहित अन्य असंवैधानिक लोग इस अनैतिक कार्यों को संपादित करने में जुटे हुए हैं ताकि किसी प्रकार से खिलाड़ियों को दिग्भ्रमित कर अपना अस्तित्व को बचाया जा सके।
इसलिए अब खिलाड़ियों को अपने अनैतिक व असंवैधानिक कार्यों का सहभागी बनाकर अपना ढाल बना रहे हैं ऐसे लोगों से खिलाड़ियों को सावधानीपूर्वक परहेज करने की जरूरत है और बिहार के प्रतिभाशाली पुरुष व महिला खिलाड़ियों को अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर संविधान के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार बीसीए सचिव अमित कुमार द्वारा कराए जा रहे सभी प्रकार के क्रिकेटिंग गतिविधियों में हिस्सा लेने कि जरुरत है और अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाएं ताकि आगामी बीसीसीआई द्वारा आयोजित होने वाली घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट में बिहार का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हो सके।
इसीलिए बिहार के प्रतिभाशाली पुरुष और महिला वर्ग के खिलाड़ियों को किसी प्रकार के असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक खबरें व तुगलकी फरमान से डरने की नहीं बल्कि मुंह तोड़ जवाब देकर क्रिकेट खेलने की जरूरत है।