आज से चार साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने क्रिकेट इतिहास का सर्वोच्च स्कोर खड़ा की थी और आज टीम इंडिया ने अपने क्रिकेट इतिहास के सबसे न्यूनतम स्कोर पर ढेर हो कर ऑस्ट्रेलिया के हाथों 8 विकेट से हार गई।
सिर्फ चार साल के भीतर इस 19 दिसंबर ने भारतीय फैंस को खुशी और ग़म, दोनों से रूबरू करा दिया। सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों घटनाचक्र भारतीय कप्तान विराट कोहली की कप्तानी में घटी है। यह संयोग की बात है।

19 दिसंबर, 2016
भारत के दौरे पर इंग्लैंड टीम आई हुई थी। पांच मैचों की सीरीज में भारत ने 3-0 की बढ़त हासिल कर ली थी। आखिरी टेस्ट चेन्नई में खेला जा रहा था। इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक ने टॉस जीता और बैटिंग का फैसला किया। इंग्लिश टीम 477 रन बनाकर आउट हुई। अब बारी भारत की थी। लोकेश राहुल ने 199 रनों की पारी खेली मगर महफिल लूटी करुण नायर ने। 381 गेंद में 303 रनों की पारी खेलकर नायर टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बन गए।
भारत ने इस मैच में 7 विकेट के नुकसान पर 759 रन के स्कोर पर पारी घोषित की। यह टेस्ट क्रिकेट में भारत का सर्वाधिक स्कोर था। इंग्लैंड की दूसरी पारी 207 रनों पर सिमट गई और भारत पारी और 75 रन से मैच जीत गया। सीरीज 4-0 से जीती। नायर को मैन ऑफ द मैच चुना गया तो कप्तान विराट कोहली मैन ऑफ द सीरीज बने।

19 दिसंबर 2020
भारतीय क्रिकेट टीम बेहद शर्मनाक बल्लेबाजी प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को पहले सत्र में अपने इतिहास के रिकॉर्ड न्यूनतम स्कोर 36 रन पर ढेर हो गई और उसे इस मुकाबले में आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारत ने 88 वर्षों के अपने टेस्ट इतिहास में 36 रन का अपना सबसे कम स्कोर बनाया और 20 जून 1974 को इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 42 रन के अपने न्यूनतम स्कोर के रिकॉर्ड को तोड़ा। भारत ने टेस्ट इतिहास का पांचवां सबसे न्यूनतम स्कोर बनाया।
विराट कोहली की कप्तानी का एक और संयोग
विराट कोहली की कप्तानी में भी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम स्कोर के मामले में चार साल में अर्श से फर्श पर पहुंची है। 23 अप्रैल 2013 को आरसीबी ने इंडियन प्रीमियर लीग में अपना सबसे बड़ा स्कोर (263/5) खड़ा किया था। ठीक चार साल बाद, 23 अप्रैल 2017 में आरसीबी अपने आईपीएल इतिहास के सबसे कम स्कोर (49 रन) पर ऑलआउट हो गई।