राहुल यादव
भागलपुर। भागलपुर जिला के शाहकुंड रसीदपुर गांव का एक लाल आज कल बिहार क्रिकेट जगत की सुर्खियों में हैं। यह क्रिकेटर कभी गली मुहल्लों में टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करता था। एक दिन किसी ने कहा कि क्रिकेट में आगे जाना है तो लेदर बॉल से खेलो, काफी जाओगे। बात मानी और आज राज्यस्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में अपना परचम लहरा रहा है। इस हरफनमौला क्रिकेटर का नाम है सूर्या। लोग इसे सूर्यवंश के नाम से पुकारते हैं।

सूर्यवंश की पढ़ाई-लिखाई हजारीबाग में हुई। गरीब परिवार का होने के बाद भी इनके पिता रघुनंदन कुमार ने सूर्या की पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी छोड़ी। हजारीबाग में हॉस्टल में रह कर पढ़ाई लिखाई। वर्ष 2012 में वह अपने गांव लौटा। वह क्रिकेट में आगे जाना चाहता था पर उस समय बिहार में क्रिकेट की मान्यता नहीं थी। टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने लगा। उस समय किसी ने समझाया कि आप लेदर बॉल से क्रिकेट खेलो। पिता पंजाब में प्राइवेट जॉब करते थे। सूर्या भी वहां चला गया और क्रिकेट को वहां जारी रखा।
बिहार में जब क्रिकेट मान्यता लौटी तो सूर्या अपने घर वापस और सैंडिस कंपाउंड में सुबीर मुखर्जी की एकेडमी भागलपुर क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग लेने लगा। सुबीर मुखर्जी ने उसे निखारा और सूर्या अपनी चमक धीरे-धीरे बिखरने लगा। भागलपुर अंडर-19 टीम में जगह मिली और जमुई के खिलाफ डेव्यू मैच में अर्धशतक जमाया। उसके पिता तो पहले भी उसे सपोर्ट करते थे बाकी परिवार के सदस्य भी उसे सपोर्ट करने लगे। इसके बाद वह भागलपुर क्रिकेट लीग में यूसीसी क्रिकेट क्लब की ओर से खेलना लगा और न केवल बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी में अपना जलवा बिखरने लगा।

पिछले साल सूर्या का नाम बिहार विजय हजारे कैंप के बाद स्टैंडबाई टीम शामिल किया गया था। यहां पर उसके भाग्य ने साथ नहीं दिया। उसके पास आधार कार्ड को छोड़ कोई कैरेंट डाक्यूमेंट्स नहीं थे और टीम में जगह बनाने से चूक गया।
वर्तमान समय में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में चल रहे बीसीए अंतर जिला टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में भी सूर्या ने अपनी चमक बिखेरी है। एक अर्धशतक जमा चुके हैं और कुल 11 विकेट अपने खाते में कर चुके हैं। पिछले साल भी घरेलू क्रिकेट में सूर्या (सूर्यवंश) ने शानदार प्रदर्शन किया था और बल्ले और गेंद से अपनी चमक बिखेरी थी। भागलपुर के क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि इस क्रिकेटर में काफी दम है और यह आगे भी बढ़िया खेलेगा।

निक नेम सूर्यवंश क्यों
इस स्टार क्रिकेटर सूर्या को भागलपुर का क्रिकेट जगत सूर्यवंशम के नाम से जानता है। रघुनंदन कुमार का पुत्र सूर्यवंश। सूर्यवंश नाम क्यों है इसके पीछे एक रोचक कहानी है। आप सबों ने अमिताभ बच्चन की फिल्म सूर्यवंशम देखी होगी जो अक्सर सेट मैक्स चैनल पर आपको प्रसारित होता दिखेगा। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन का डबल रोल है। एक पिता का दूसरा बेटा। बेटा वाला जो रोल है ठीक उसी तरह सूर्या का व्यवहार है। जिस तरह बेटा अमिताभ बच्चन पिता अमिताभ बच्चन की बातों को नहीं ठुकराते हैं ठीक उसी तरह भागलपुर का यह क्रिकेटर सूर्या (सूर्यवंश) घर पर अपने माता-पिता, एकेडमी में अपने कोच और ऑन ग्राउंड अपने कप्तान की बात को नहीं ठुकराते हैं। कप्तान ने कहा कि यहां फील्डिंग करो, सूर्या (सूर्यवंश) वहां डटा रहेगा और जान लगा कर क्षेत्ररक्षण करेगा। इस नंबर पर बैटिंग पर जाना है वह कुछ नहीं बोलेगा। यानी कुल मिला कर यही है कि अनुशासित बेस्ट हरफनमौला क्रिकेटर हैं सूर्या यानी सूर्यवंश।







