पटना। खेल समाचारों का आपका अपना वेबपोर्टल खेलढाबा.कॉम ने बिहार समेत अन्य राज्यों की वैसी खेल हस्तियों बारे में आपको बतायेगा जिन्होंने अपने प्रदर्शन से या तो अपने राज्य की टीम में जगह बना ली है या फिर टीम में जगह बनाने के लिए लगातार दस्तक दे रहे हैं। या फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
इसी कड़ी में आज हम चर्चा करे रहे हैं बिहार के उभरते विकेटकीपर बल्लेबाज बिपिन सौरभ की। तो आइए जानते हैं बिपिन सौरभ के बारे में ढेर सारी बातें इस आलेख व वीडियो के माध्यम से-
बिहार क्रिकेट लीग से बनाई अलग पहचान
इस वर्ष के मार्च महीने में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित बिहार क्रिकेट लीग (बीसीएल) में बिपिन सौरभ ने अपनी बल्लेबाजी की धमक दिखा कर अपनी अलग पहचान पायी और वे अब पहचान के मोहताज नहीं है। इस लीग में बिपिन सौरभ ने दो शतक जमाया और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार अपने नाम किया।
वर्ष 2010 में शुरू किया था क्रिकेट कैरियर
औरंगाबाद जिला मुख्यालय के सत्येंद्रनगर में रहने वाले बिपिन सौरभ का जन्म 20 नवंबर 1999 को हुआ और उन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत आज से 11 साल पहले की थी। उसके घर के बगल में एक क्रिकेट एकेडमी चलती है जहां जिला के खिलाड़ी प्रैक्टिस किया करते थे। बिपिन वहां जाया करते थे और प्लेयरों को वहां खेलते देख विपिन ने भी बल्ला थाम लिया और शुरू हो गया विपिन का क्रिकेट कैरियर।

मुश्चिकलों भरा रहा है बिपिन का कैरियर
वर्ष 2013 में बिपिन सौरभ सौरभ ने जिला टीम में अपनी जगह पक्की की। धीरे-धीरे उनका सफर आग बढ़ता चला गया। बिहार में जब क्रिकेट का माहौल नहीं था तब बिपिन सौरभ को उनके प्रशिक्षक ने सलाह दी कि आप दिल्ली चले जाओ।
जिस ग्राउंड पर मौका मिल जाता वहां प्रैक्टिस कर लिया
दिल्ली जाने के बाद बिपिन सौरभ अलग-अलग एकेडमी और ग्राउंड पर प्रैक्टिस की। कभी विजय दाहिया के एकेडमी में कभी कहीं और। पास में इतने पैसे नहीं थे कि वहां एकेडमी की फी भर पाते इसीलिए उनके लिए रास्ता ठीक था।
बिहार की ओर से अंडर-19 व अंडर-23 खेल चुके हैं
बिहार में क्रिकेट लौटा और विपिन सौरभ ने टीम में दस्तक देना शुरू किया। वर्ष 2018 में विपिन का चयन बीसीसीआई द्वारा आयोजित वीनू मांकड़ अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए भाग लेने वाली बिहार टीम में चयन हो गया।
अंडर-19 में बिपिन सौरभ का परफॉरमेंस अच्छा रहा। बिपिन ने दो अर्धशतक भी जमाए। कुल मिल कर छह मैचों में 250 रन बनाये। अगले सीजन में बिपिन सौरभ को बिहार अंडर-23 में जगह मिली। अंडर-23 में किये गए प्रदर्शन बिपिन सौरभ निराश हैं पर हिम्मत नहीं हारे हैं।
वर्ष 2020 में रामांशकर की नजर बिपिन पर पड़ी
वर्ष 2020 में बिपिन सौरभ प्रैक्टिस के लिए दिल्ली गए हुए थे। दिल्ली के नजफगढ़ में बिपिन जिस मैदान पर अभ्यास करते थे, वहीं पर अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए वह सुबह-शाम काम भी किया करते थे। एक दिन दिग्गजों क्रिकेटरों के फिटनेस ट्रेनर और थ्रो ऑर्मर रहे रामाशंकर की नजर बिपिन पर पड़ी, जिन्होंने उसे शिष्य बना लिया और बिपिन को और बेहतरीन ट्रेनिंग मिलने लगी और उनके खेल में निखार आया।
खराब परफॉरमेंस से हुए निराश पर हिम्मत नहीं हारी
अपने इस प्रदर्शन से बिपिन सौरभ निराश जरूर होते हैं पर मेहनत करना नहीं छोड़ते हैं और वे हमेशा अपनी गलतियों को सुधार करने का प्रयास करते हैं। मार्च महीने में आयोजित बिहार क्रिकेट लीग में दरभंगा डायमंड्स की ओर से खेलते हुए ऐसी छाप छोड़ी कि बिहार की बात छोड़िए देश के दिग्गज क्रिकेटरों ने बोला ‘बंदे में काफी दम है’।
वेंकटेश प्रसाद ने भी खेल को सराहा
बिहार क्रिकेट लीग में मेंटर के रूप में हिस्सा ले रहे वेंकटेश प्रसाद ने उनकी बल्लेबाजी और कीपिंग को खूब सराहा और उनका वीडियो नेशनल क्रिकेट एकेडमी के प्रमुख राहुल द्रविड़ को भेजा और कहा जरा इस प्लेयर को देंखे।
बिहार क्रिकेट लीग में दो शतक जमाए, मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने
बिपिन सौरभ ने बिहार क्रिकेट लीग में 6 मैचों में दो शतक, एक अर्धशतक के साथ सबसे ज्यादा 299 रन बनाये। उन्होंने कुल 19 छक्के और 27 चौके भी जमाए हैं। विकेट के पीछे कमाल दिखाते हुए सात को रन आउट किया। उनके खेल को देख कर आज लोग उन्हें ‘रन मशीन’ कहने लगे हैं।

पिता संतोष, माता शिवकुमारी देवी और भाई आनंद ने हमेशा हौसला बढ़ाया
रन मशीन के नाम से मशहूर बिपिन सौरभ का सफर मुश्किलों वाला रहा है। क्रिकेट का जुनून सिर चढ़कर बोल रहा था, लेकिन आर्थिक तंगी से पैर पीछे खींचने पर मजबूर थे। पिता संतोष कुमार सिंह, माता शिवकुमार देवी और बड़े भाई आनंद कुमार सौरभ ने बिपिन का हौसला बढ़ाया और कहा तुम हिम्मत मत हारो। पिता संतोष कुमार सिंह अपना स्कूल चला करते थे। स्कूल फिलहाल बंद हो गया पर फिर से चालू करना का प्रयास है। माता शिवकुमारी देवी ने भी बेटे का हौसला हमेशा बढ़ाया।
सीनियर प्लेयरों से लेकर जिला व राज्य संघ का मिला पूरा साथ
बिपिन सौरभ को अपने घर-परिवार के अलावा जिला संघ, राज्य संघ और बिहार के कई सीनियर प्लेयरों व प्रशिक्षकों का साथ मिला। इन सबों के हमेशा उनकी हौसला अफजाई की। सीनियर प्लेयरों व प्रशिक्षकों ने उन्हें खामियों को बताया और इसमें सुधार करने को कहा। बिपिन हमेशा अपने अग्रजों की बातों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ते चले जा रहे हैं।

माही हैं आदर्श तभी तो फेसबुक पर यह नाम
यों तो बिपिन सौरभ फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया से दूर रहते हैं। यहां तक वे व्हाटशअप का उपयोग नहीं करते हैं। पर अगर आप उनके फेसबुक अकाउंट को चेक करेंगे तो आपको पता चल जायेगा कि इनका आदर्श कौन क्रिकेटर है। फेसबुक पर बिपिन का अकाउंट कुमार बिपिन माही। साथ ही उसकी पंच लाइन है I M Not PeRFect For ALL.
क्या कहना बिपिन सौरभ का
अपने खेल के बारे में बिपिन सौरभ का कहना है कि मैं हमेशा अपना नेचुरल देने का प्रयास करता हूं। न कोई मेरी कमजोर कड़ी है और न कोई बेहतर कड़ी। बैटिंग करता हूं तो यही सोचता हूं जैसी गेंद वैसी बैटिंग। गेंद अगर चौके-छक्के वाली है तो बाउंड्री के बाहर और अगर सम्मान देने वाली है तो डिफेसिंग बैटिंग। जहां तक कीपिंग का सवाल है मैं हमेशा चौकन्ना रहने का प्रयास करता हूं।
बिपिन सौरभ की चाहत
बिपिन सौरभ की चाहत है कि वे अपने देश, राज्य, जिला, गांव, माता-पिता समेत पूरे परिवार का नाम रौशन करूं। यह तभी होगा जब टीम इंडिया का सदस्य बनूंगा। अपनी चाहत को पूरी करने के लिए अपनी तरफ से पूरी मेहनत कर रहा हूं। मैं हमेशा नेचुरल खेलता हूं और आगे भी खेलता रहूंगा।
स्कोर बुक में दर्ज बिपिन सौरभ के ये आंकड़े यही कहते हैं ’हम में भी है दम